महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से निबटने के लिए आम बजट में कोई ठोस नीति नहीं होने का आरोप लगाते हुए भाजपा, वामदल सहित विपक्ष ने उसे दिशाहीन और हताश करने वाला दस्तावेज करार दिया जबकि सत्ता पक्ष ने दावा किया कि इसमें सभी वर्गो का ध्यान रखा गया है और यह सुधार केन्द्रित है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बजट को देश की सभी आर्थिक चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम करार देते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने सराहनीय काम किया है. विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने अपनी फौरी टिप्पणी में कहा, ‘वित्त मंत्री ने अपने बजट में लोगों को आंकड़ों के जाल में उलझाने की कोशिश की है.’
उन्होंने कहा कि बजट ने आम आदमी, महिलाओं को निराश और युवाओं को हताश किया है. बजट में बेरोजगारी, महंगाई के बारे में कोई उल्लेख नहीं है और ऐसा लगता है कि सरकार इसे कोई समस्या ही नहीं मानती है. भाकपा के गुरूदास गुप्ता ने कहा कि यह बजट पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा को ध्यान में रखकर तैयार किया गया बजट है. {mospagebreak}
उन्होंने कहा कि इसमें सिर्फ अमीरों को राहत दी गयी है और आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं किया गया. सरकार को बाहर से समर्थन देने वाली सपा और राजद ने हालंकि इसे कुल मिलाकर संतुलित बताया है. कांग्रेस ने इसे अर्थव्यवस्था की बुनियाद को मजबूत करने वाला भविष्योन्मुखी बजट बताया.
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि बजट का मुख्य जोर सुधारों पर था और इसमें अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठाये गए हैं. उन्होंने कहा, ‘बजट में तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है जिसमें कर प्रबंधन, राजकोषिय सुदृढ़ीकरण और व्यय प्रबंधन शामिल हैं. महंगाई की समस्या से किस प्रकार से निपटा जाए इसके लिए आपूर्ति से जुड़ी बाधाओं के लिए विशेष कार्यक्रम बनाये गए हैं.’
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आम आदमी की जरूरत और भारत की महाशक्ति बनने की आकांक्षा को केंद्र में रखकर बजट तैयार किया है. इसमें अर्थव्यवस्था की बुनियाद को मजबूत करने का पूरा प्रयास किया गया है. {mospagebreak}
जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने बजट को ‘हनुमान चालीसा’ की संज्ञा देते हुए कहा कि इसमें किसानों, सिंचाई, बेराजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार से निपटने के बारे में कुछ भी ठोस नहीं कहा गया है. इसमें कालाधन के बारे में सरकार की नीति कोई चर्चा नहीं की गयी है.’
सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह ने बजट को पूरी तरह से निराशाजनक करार देते हुए कहा कि पूरे बजट भाषण में पिछड़े वर्ग एवं अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए एक शब्द नहीं कहा गया है. युवाओं एवं बेरोजगारों के लिए कोई योजना नहीं पेश की गई है और किसानों की उपेक्षा की गई है.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने आम बजट को कुल मिलाकर अच्छा करार देते हुए कहा, ‘नकद आधारित सब्सिडी योजना एक क्रांतिकारी कदम है जिससे आम आदमी को काफी फायदा होगा. कृषि क्षेत्र को अधिक आवंटन, ग्रामीण विकास एवं आंगनवाड़ी महिलाओं का मनदेय बढ़ाया जाना महत्वपूर्ण है.’ {mospagebreak}
पूर्व प्रधानमंत्री और जद एस नेता एच डी देवेगौडा ने कहा कि बजट के कुछ प्रस्ताव सराहनीय हैं जिसमें कृषि और ग्रामीण विकास पर जोर देते हुए कई कदम उठाये गये हैं. भाजपा के यशवंत सिन्हा ने कहा कि यह बजट चुनौतीपूर्ण घड़ी में तैयार किया गया है लेकिन इसमें अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कोई ठोस एवं निर्णायक कदम नहीं हैं. कर के क्षेत्र में जो प्रस्ताव किये गए हैं वह एक हाथ देने और दूसरे हाथ देने जैसा है. सरकार ने खर्च में कटौती के लिए भी कोई प्रावधान नहीं किये गए हैं.
लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने इसे कुल मिलाकर ठीक बताते हुए कहा कि बजट प्रस्तावों से नकद आधारित सब्सिडी के प्रावधान से छोटे और सीमांत किसानों कोई लाभ नहीं होगा. इसमें महंगाई के सवाल पर स्पष्टता का अभाव है.
भाकपा के डी राजा ने कहा कि इस बजट में कुछ भी नया नहीं है और आम आदमी की वास्तविक चिंताओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. कांग्रेस के सुबोधकांत सहाय ने आम बजट का स्वागत करते हुए कहा कि बजट में आम आदमी का खास ख्याल रखा गया है और कमजोर वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए विशेष उपाय किये गए हैं. {mospagebreak}
केन्द्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने इसे एक बेहतर बजट बताते हुए कहा कि बजट में महिलाओं, आंगनबाड़ी कर्मियों और संस्कृति मंत्रालय के लिए काफी कुछ किया गया है. ग्रामीण विकास मंत्री विलासराव देशमुख ने बजट को बेहतर बजट बताते हुए कहा कि इसमें ग्रामीण विकास पर जोर देते हुए पर्याप्त आवंटन करने के साथ समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों के लिए ब्याज दर से जुड़े प्रावधानों से वसूली तंत्र मजबूत होगा.
कांग्रेस सदस्य राज बब्बर ने कहा कि फिल्म क्षेत्र को प्रोत्साहन देने वाला कदम पहली बार किसी बजट में उठाया गया है और यह आम आदमी का बजट है. बीजद के बी जे पांडा ने कहा कि बजट में आधारभूत ढांचा क्षेत्र के विस्तार के प्रति सरकार की नींद टूटी है जो एक सराहनीय कदम है और इसमें बुनियादी सुधारों पर जोर दिया गया है. भाजपा के रूद्र नारायण पाणि ने बजट को संभावित मध्यावधि चुनाव को ध्यान में रखकर लोकलुभावन बजट करार दिया है.