नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) पर सरकार के हमले को जारी रखते हुए केंद्रीय मंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि शीर्ष आडिटर को टू जी स्पेक्ट्रम के आवंटन से खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित नुकसान के अपने आंकलन पर स्पष्टीकरण देना चाहिए.
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री नारायणसामी ने चेन्नई हवाई अड्डे पर कहा, ‘हमने कहा था कि कैग का आकलन गलत है. नीलामी के बाद यह साबित हो गया है. कैग को इसके बारे में बताना चाहिए.’ गुरुवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने सरकार की ओर से हमला करते हुए कैग विनोद राय से पूछा था कि स्पेक्ट्रम की नीलामी में उनके नुकसान के आकलन के करीब की राशि क्यों प्राप्त नहीं हुई.
तिवारी ने कहा था, ‘मिस्टर कैग, कहां है 1.76 लाख करोड़ रुपये? मैं समझता हूं कि गंभीर आत्ममंथन का समय है. समय आ गया है जब कैग अपनी प्रक्रियाओं के बारे में आत्ममंथन करे और इस मामले में दो वषरे से राजनीति करने वाली बीजेपी और कुछ विपक्षी दलों को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए.’ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी 2001 में आवंटित टू जी स्पेक्ट्रम से देश के खजाने को हुए नुकसान के अनुमानित आकलन पर कैग के प्रमुख विनोद राय पर चुटकी ली थी.
सिंह ने कहा था, ‘कैग को इस बात पर पुन: विचार करना चाहिए कि खबरों के आलोक में उनका आकलन कितना सही था जो पहले दिया गया था और जिस नुकसान का आकलन किया गया था.’ कैग ने 2010 में कहा था कि तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा के 2001 में तय दर पर स्पेक्ट्रम बेचने के निर्णय से खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ.