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रिटेल, एविएशन में FDI को मिली मंजूरी

केंद्र सरकार ने खुदरा क्षेत्र में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आखिरकार मंजूरी दे ही दी. शुक्रवार को हुई सीसीपीए की बैठक में रिटेल और एविएशन के क्षेत्रों में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी गई.

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केंद्र सरकार ने खुदरा क्षेत्र में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आखिरकार मंजूरी दे ही दी. शुक्रवार को हुई सीसीपीए की बैठक में रिटेल और एविएशन के क्षेत्रों में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी गई.

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मल्‍टी ब्रांड में भी एफडीआई को मंजूरी मिल गई है. इस फैसले के बाद अब वॉलमार्ट जैसी कंपनियों के लिए भारत में अपने स्‍टोर खोलने का रास्‍ता साफ हो जाएगा. साथ ही सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की तीन कंपनियों में भी विनिवेश को मंजूरी दी है. सूचना एवं प्रसारण क्षेत्र तथा पावर सेक्‍टर में भी एफडीआई को मंजूरी मिल गई है.

एक केंद्रीय मंत्री ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की शुक्रवार शाम हुई बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गयी. एकल-खुदरा ब्रांड के लिये मंत्रिमंडल ने यह निर्णय किया है कि कोई कंपनी अगर स्थानीय उद्योगों से 30 प्रतिशत सामान खरीदने की अनिवार्यता से छूट चाहती है तो उन्हें देश में विनिर्माण संयंत्र लगाना होगा.

पिछले वर्ष नवंबर में सरकार ने बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी थी. हालांकि संप्रग सहयोगी तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के पुरजोर विरोध को देखते हुए इसे स्थगित कर दिया गया था. मंत्री ने कहा कि चूंकि फैसले का क्रियान्वयन स्थगित किया गया था, इसीलिए इस पर आगे कदम बढ़ाने के लिये फिर से इसे मंत्रिमंडल के पास ले जाया गया.

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कई वैश्विक कम्पनियों के भारत में पहले से स्टोर हैं, लेकिन उन्हें सीधे आम लोगों को उत्पाद बेचने का अधिकार अब तक नहीं था. वे छोटे स्टोरों को माल बेच सकते थे. अब वे आम लोगों को भी माल बेच पाएंगे.
  

सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी और केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा की. शर्मा ने बताया कि एकल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी और बहुब्रांड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दी गई है.

इस फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, 'बड़े आर्थिक सुधारों का वक्त आ गया है.' सरकार ने अपने फैसले में विरोधियों की राय को भी ध्यान में रखा है और राज्य सरकारों को अधिकार दिया है कि वे अपनी भूमि पर बहुब्रांड रिटेल को अनुमति देने के बारे में फैसला ले सकते हैं.

हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के इस फैसले को देश विरोधी फैसला बताया है. पार्टी के नेता मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा कि सरकार का यह निर्णय बहुत ही गलत है और इसका पूरे देश में विरोध होगा. उन्‍होंने प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग देश की अर्थव्‍यवस्‍था को विदेशी हाथों में गिरवी रखने का षड्यंत्र कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्‍था छोटे-छोटे व्‍यापारियों पर आधा‍रित है और अगर उनका हित प्रभावित होगा तो अर्थव्‍यवस्‍था छिन्‍न-भिन्‍न हो जाएगी.

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गौरतलब है कि सरकार की सहयोगी ममता बनर्जी शुरू से ही रिटेल और एविएशन में एफडीआई का विरोध करती रही हैं और एक बार फिर तय है कि वो इसके खिलाफ मोर्चा जरूर खोलेंगी.

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