कैबिनेट ने केन्द्र सरकार के लगभग दो लाख कर्मचारियों को भारी राहत देते हुए उनके जोखिम भत्ते, अस्पताल रोगी देखरेख भत्ता और रोगी देखरेख भत्ता संशोधित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. साथ ही कंपनी कानून एवं प्रतिस्पर्धा कानून में संशोधन के प्रस्ताव मंजूर किये.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह तय किया गया. बैठक के बाद वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बताया कि सितंबर 2008 से इस भत्ते में बढ़ोतरी की गयी है और इससे राजकोष पर सालाना 42.16 करोड रूपये का बोझ पड़ेगा.
चिदंबरम ने बताया कि संशोधित वेतन पर महंगाई भत्ते में 50 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होने पर उक्त सभी भत्तों में अपने आप 25 प्रतिशत बढ़ोतरी हो जाएगी.
उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने कंपनी विधेयक 2011 में सरकारी संशोधन करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. कंपनी विधेयक पारित होने के बाद देश में निगमित क्षेत्र के विकास और नियमन के लिए आधुनिक कानून बन जाएगा.
चिदंबरम ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदलते आर्थिक एवं वाणिज्यिक हालात के मददेनजर कंपनी कानून 1956 में व्यापक संशोधन के बारे में लंबे समय से विचार चल रहा था.
उन्होंने बताया कि प्रतिस्पर्धा कानून 2002 में आगे और संशोधन करने के निगमित मामलों के मंत्रालय के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. प्रतिस्पर्धा के क्षेत्र में मौजूदा दौर की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है.
चिदंबरम ने कहा कि प्रतिस्पर्धा कानून के दायरे से कोई भी क्षेत्र बाहर नहीं होगा. केवल कुछ विशिष्ट मामलों में ही छूट दी जाएगी.
कैबिनेट ने 20वें विधि आयोग के गठन का प्रस्ताव भी मंजूर कर लिया जो एक सितंबर 2012 से तीन साल के लिए प्रभावी रहेगा. चिंदबरम ने बताया कि इस आयोग का पूर्णकालिक अध्यक्ष होगा. सदस्य सचिव सहित चार पूर्णकालिक सदस्य होंगे. इसके अलावा दो पदेन सदस्य होंगे.
उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने 92 देशों द्वारा हस्ताक्षरित नागोया संधि के अनुमोदन को मंजूरी दे दी. भारत ने इस सिंध पर मई 2011 में दसतखत किये थे. यह संधि जैव विविधता के मामले में हमारी क्षमताओं और पहल को मजबूत करने का अवसर देती है.
चिदंबरम ने कहा कि भारत के पास दुनिया की कुल भूमि का 2.4 फीसदी हिस्सा है और यहां दुनिया की सात से आठ प्रतिशत प्रजातियां रहती हैं. पारंपरिक ज्ञान के मामले में भी भारत धनी है. आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध औषधियों के मामले में भी इसका अग्रणी स्थान रहा है. जैव विविधता के संरक्षण के लिहाज से यह संधि काफी महत्वपूर्ण है.
वित्त मंत्री ने बताया कि पश्चिम बंगाल के फरक्का स्थित फरक्का बैराज परियोजना के 200 वर्ग मीटर भूखंड को झारखंड सरकार को हस्तांतरित करने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट ने मुहर लगायी. झारखंड इसका आवासीय उद्देश्य से इस्तेमाल करेगा.
उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने वन्यजीव संरक्षण कानून 1972 में संशोधन के फैसले को भी मंजूरी दी. मौजूदा आवश्यकताओं के हिसाब से कानून को संगत बनाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है. कानून में ग्राम सभा, पंचायतों और अधिसूचित क्षेत्रों को परिभाषित किया गया है.
किसी क्षेत्र को सेंच्युरी घोषित करने के लिए राज्य सरकारों को ग्राम सभाओं से सलाह मशविरा करना होगा, ऐसा प्रावधान विधेयक में किया गया है. किसी क्षेत्र को राष्ट्रीय पार्क घोषित करने के लिए भी ऐसा करना होगा.
चिदंबरम ने बताया कि कैबिनेट ने रोजगार कार्यालय (पदों की अनिवार्य अधिसूचना) संशोधन विधेयक 2012 को संसद में पेश करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. उन्होंने कहा कि बदलते वक्त के साथ पुराने कानून में संशोधन की आवश्यकता महसूस की गयी.
रोजगार कार्यालय का नाम भी बदलकर ‘ रोजगार दिशानिर्देश एवं संवर्धन केन्द्र ’ किया जाएगा. इसका कार्य पंजीकरण के अलावा पेशेवर दिशानिर्देश एवं रोजगार काउंसिलिंग होगा.
चिदंबरम ने कहा कि जिन विधेयकों को कैबिनेट ने मंजूरी दी हैं, उन सभी को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा और सभी राजनीतिक दलों के सहयोग से उन्हें पारित कराने की कोशिश की जाएगी.