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पेंशन, बीमा क्षेत्र में FDI पर अहम फैसला आज

खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति पर उठे विरोध से विचलित हुये बिना सरकार मंत्रिमंडल की गुरुवार को होने वाली बैठक में अब पेंशन और बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में और ढील देने का विचार कर सकती है.

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खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति पर उठे विरोध से विचलित हुये बिना सरकार मंत्रिमंडल की गुरुवार को होने वाली बैठक में अब पेंशन और बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में और ढील देने का विचार कर सकती है.

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मंत्रिमंडल की बैठक में वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) को अधिक शक्तियां देने के प्रावधान वाले वायदा अनुबंध नियमन अधिनियम में संशोधन विधेयक पर भी विचार हो सकता है. इसके जरिये जिंस बाजार में संस्थागत निवेशकों को कारोबार की अनुमति देने और सूचकांक और विकल्प जैसे नये कारोबारी उत्पाद भी शुरू किये जा सकते हैं.

सूत्रों के अनुसार सुधारों की गाड़ी को तेजी से आगे बढ़ाने के लिये मंत्रिमंडल में कंपनी विधेयक, और प्रतिस्पर्धा कानून में संशोधन और अवसंरचना विकास कोष (आईडीएफ) शुरू करने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी जा सकती है. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय निवेश बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को भी बैठक में मंजूरी मिल सकती है.

ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं को तेजी के साथ मंजूरी देने के लिये इस बोर्ड का गठन किया जायेगा. मंत्रिमंडल की बैठक में पेंशन कोष नियमन एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) विधेयक पर भी विचार हो सकता है. पेंशन क्षेत्र में 26 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देने का विधेयक में प्रस्ताव है.

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इसी तरह बीमा कानून (संशोधन) विधेयक में बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को 26 से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है. एक महीने के भीतर आर्थिक सुधारों को आगे ले जाने का यह दूसरा दौर होगा. इससे पहले सरकार ने 14 सितंबर को सरकार ने बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी और नागरिक उड्डयन क्षेत्र में एफडीआई नियमों में और ढील देने का फैसला किया था.

प्रसारण क्षेत्र में भी एफडीआई को उदार बनाया गया. बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई के फैसले का विपक्षी दलों ने भारी विरोध किया. सरकार में शामिल दलों ने भी इस फैसले पर असहमति जताई. सत्तारुढ़ गठबंधन में शामिल तृणमूल कांग्रेस ने इस फैसले के विरोध में मनमोहन सरकार से समर्थन वापस ले लिया.

बहरहाल, सरकार ने इन बाधाओं को पार करते हुये सुधारों के रास्ते पर आगे बढ़ने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली मंत्रिमंडल की गुरुवार की बैठक में 12वीं योजना को मंजूरी दिये जाने की भी उम्मीद है. इसके साथ ही देश के पांच हवाईअड्डों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाईअड्डे का दर्जा दिये जाने की भी उम्मीद है.

12वीं पंचवर्षीय योजना दस्तावेज में वर्ष 2012 से 2017 के पांच सालों में औसत आर्थिक वृद्धि 9 प्रतिशत से घटाकर 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. मंत्रिमंडल की बैठक में लखनऊ, वाराणसी, तिरुचिरापल्ली, मैंगलोर और कोयंबटूर हवाईअड्डों को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिये जाने के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद है.

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