वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को सरकारी बैंकों और रेटिंग एजेंसियों से बाजार से पूंजी जुटाने में लघु और मध्यम उपक्रमों (एसएमई) की मदद करने को कहा.
वह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में लघु एवं मध्यम उपक्रमों के लिए बनाए गए विशेष एसएमई मंच ‘इमर्ज’ शुरु किये जाने के मौके पर बोल रहे थे. फिलहाल बीएसई के एसएमई मंच में सात कंपनियां सूचीबद्ध हैं और एक कंपनी तेजो इंजीनियरिंग मंगलवार को एनएसई के इस मंच से जुड़ी.
वित्त मंत्री ने कहा कि पूंजी बाजार का फायदा उठाना एसएमई के लिए वृद्धि दर्ज करने का एक तरीका है. कुछ ऐसे उद्यमी हैं जो बाजार में आने को उत्सुक हैं.
उन्होंने कहा, ‘छोटे मर्चेंट बैंकर, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, रेटिंग एजेंसी, इन सबको थोड़ी ज्यादा कोशिश करनी होगी और कुछ और पहल करनी होगी ताकि भारी संख्या में लघु और मध्यम उपक्रमों को बाजार में लाने में मदद की जा सके.’ इससे पहले उन्हें बाजार में लाने की कोशिश असफल हो चुकी है.
बैंक और अन्य इकाइयां आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) की गारंटी, मर्चेंट बैंकिंग सेवा और शेयर की खरीदारी कर लघु और मध्यम उपक्रमों की मदद कर सकते हैं. चिदंबरम ने कहा, ‘बाजार में लघु और मध्यम उपक्रमों को लाना आसान नहीं है. क्योंकि सेबी और अन्य नियामकों के नियम छोटे उद्यमियों को डरा रहे हैं.’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘लेकिन मुझे लगता है कि लघु और मध्यम उपक्रमों के लिए वृद्धि और विस्तार के मौके इतने अधिक हैं कि हमें इन दिक्कतों को दूर करना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि जिनमें उद्यमिता है वे धन जुटा सकें और आगे बढ़ सकें.’
करीब 3.11 करोड़ लघु और मध्यम उपक्रमों का देश के औद्योगिक उत्पादन में 45 फीसद और देश के सकल घरेलू उत्पादन में आठ फीसद योगदान है. सेबी अध्यक्ष यू के सिन्हा ने कहा कि बाजार नियामक और सरकार को न सिर्फ कंपनियों और उद्यमियों की धन जुटाने की जरूरत का ध्यान रखना चाहिए बल्कि लोगों के निवेश की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी चाहिए.
चिदंबरम ने कहा कि लघु और मध्यम उपक्रमों को धन जुटाने के लिए बाजार में लाने की पहले हुई कोशिश असफल रही है लेकिन उन असफलताओं के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए और इस बात से उत्साहित होना चाहिए कि उद्यमी बाजार में आने के इच्छुक हैं.