यह स्वीकार करने के बावजूद कि मूल्यवृद्धि को लेकर सरकार की सबसे ज्यादा आलोचना हो रही है, कांग्रेस का कहना है कि पेट्रोल की कीमतों पर सब्सिडी का बोझ ढोते रहना ठोस अर्थव्यवस्था का लक्षण नहीं है क्योंकि सब्सिडी की व्यवस्था से ही कीमतों को कम रखा जा सकता है.
कांग्रेस के मुख पत्र ‘कांग्रेस संदेश’ के ताजा अंक में कहा गया है. ‘आज सरकार की मूल्यवृद्धि को लेकर सबसे ज्यादा आलोचना की जा रही है. नि:संदेह मंहगाई से हरेक का बजट प्रभावित होता है. लेकिन तथ्य यह है कि इनमें से कई घटनाक्रमों का सरकार के कामकाज से कोई लेना देना नहीं है. पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में वृद्धि का नतीजा है.’
पार्टी का कहना है कि सब्सिडी की व्यवस्था से ही कीमतों को कम रखा जा सकता है लेकिन इससे सरकार की दूसरी विकास परियोजनाओं के लिए धन उपलब्ध नहीं रहेगा. सरकार ने पेट्रोल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त कर दिया है, जबकि डीजल एवं रसोई गैस पर सब्सिडी अभी भी दे रही है.
कांग्रेस संदेश आगे कहता है कि पेट्रोल की कीमतों पर सब्सिडी का बोझ ढोते रहना ठोस अर्थव्यवस्था का लक्षण नहीं है जबकि पेट्रोल चलित वाहनों की मांग लगातार बढती रही है.
कुछ खास जिन्सों खासकर सब्जियों की कीमतों में वृद्धि का उल्लेख करते हुए पत्र में कहा गया है कि जिस सवाल का जवाब विपक्ष नहीं दे रहा है कि जब वे सोचते हैं कि वे बेहतर व्यवस्था कर सकते थे तब फिर जिन राज्यों में विपक्षी दलों की सरकारें हैं वहां इन सब्जियों की कीमतों पर बेहतर नियंत्रण क्यों नहीं है.