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सहकारिता संस्थाओं को आयकर से मुक्त किया जाए

सहकारी संस्थाओं ने केंद्र से मांग की है कि उन्हें आयकर से मुक्त किया जाए. इन संस्थाओं ने कहा है कि ऐसा न किए जाने पर वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगी.

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सहकारी संस्थाओं ने केंद्र से मांग की है कि उन्हें आयकर से मुक्त किया जाए. इन संस्थाओं ने कहा है कि ऐसा न किए जाने पर वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगी.

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भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारिता विपणन महासंघ लिमिटेड (नाफेड) के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह ने यहां कहा, 'हमने केन्द्र से सहकारिता संस्थाओं पर लगाये गये आयकर को हटाने को कहा है. अन्यथा अपने रोष को प्रकट करने के लिए हम धरना आयोजित करेंगे.'

बिजेन्द्र सिंह 'कृषि ग्रामीण विकास बैंकों की तैयारी' विषय पर क्षेत्रीय सेमिनार में बोल रहे थे. केन्द्र सरकार ने सहकारिता संस्थाओं की आय पर आयकर लगाने की घोषणा वर्ष 2006 में की और उन पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाने का निर्णय किया. सहकारिता संस्थाओं पर लगने वाले आयकर को बेतुका बताते हुए उन्होंने कहा कि इस मसले को संसद के आगामी बजट सत्र में उठाया जायेगा.

उन्होंने कहा, 'बाकी वित्तीय संस्थानों के विपरीत हमें बाजार से पूंजी जुटाने की अनुमति नहीं है. संसाधन के संदर्भ में हमारे पास सीमित विकल्प हैं.' सिंह ने कहा कि प्रदेश की सहकारिता संस्थायें ग्रामीण क्षेत्रों को ऋण उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. इसी तरह का विचार व्यक्त करते हुए एनसीएआरडीबीएफ के प्रबंध निदेशक के के रविन्द्रन ने भी सहकारिता संस्थाओं की आय पर कर लगाने को अनुचित बताया.

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