वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के साथ बजट पूर्व बैठक में ताजा आर्थिक हालात पर चर्चा की और तेज आर्थिक वृद्धि के साथ साथ महंगाई पर अंकुश रखने के नुस्खे पूछे.
रिजर्व बैंक गवर्नर डी. सुब्बाराव, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) अध्यक्ष सी.बी. भावे, बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) अध्यक्ष जे. हरिनारायण और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने इस बैठक में भाग लिया.
मंत्रालय की तरफ से वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे. वर्ष 2011-12 के बजट की तैयारियों के सिलसिले में वित्त मंत्री ने यह बैठक बुलाई थी. सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्री ने वित्तीय क्षेत्र के इन दिग्गजों से सरकार की वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाने के सुझाव मांगे. उन्होंने नियामकों से आर्थिक वृद्धि के साथ साथ महंगाई को काबू में रखने के सुझाव देने को कहा.
हालांकि, नियामकों ने क्या सुझाव दिये इस बारे में सूत्रों ने ज्यादा कुछ नहीं बताया. वर्ष 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट को देखते हुये देश में वित्तीय मजबूती और स्थिरता के लिये वित्त मंत्री ने बजट में एक उच्चस्तरीय वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद के गठन की घोषणा की थी. वित्त मंत्री की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया गया जिसमें रिजर्व बैंक गवर्नर को उपाध्यक्ष बनाया गया है. {mospagebreak}
पिछले दो महीने में समिति की यह दूसरी बैठक थी. रिजर्व बैंक गवर्नर डी. सुब्बाराव ने बैठक के बाद कहा ‘रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा 25 जनवरी को होगी. हमेशा की तरह समीक्षा से पहले मैं वित्त मंत्री के साथ व्यापक आर्थिक परिवेश पर चर्चा करने यहां पहुंचा.’
चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर के नौ प्रतिशत अथवा इससे अधिक रहने की उम्मीद की जा रही है जबकि सकल मुद्रास्फीति दिसंबर में 8.43 प्रतिशत तक पहुंच गई. इस स्थिति में केन्द्रीय बैंक को आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति के बीच संतुलन बिठाने के लिये काफी माथापच्ची करनी होगी.
सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्री ने वित्तीय स्थिति की मजबूती और राजकोषीय घाटे में कमी लाने के बारे में भी नियामकों से सुझाव मांगे. चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी का 5.5 प्रतिशत तक रखने का अनुमान लगाया गया है. वित्त मंत्री ने इस साल के बजट में अगले दो सालों के दौरान इसे और कम कर 2011-12 में 4.8 प्रतिशत और 2012-13 में 4.1 प्रतिशत पर लाने का खाका तैयार किया है.