केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि वित्तीय सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार ने डॉ. विजय केलकर की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है.
समिति ने आगाह किया कि यदि सब कुछ ऐसा ही चलता रहा, तो वित्तीय घाटा पिछले वित्तवर्ष के 5.8 प्रतिशत से बढ़कर इस वर्ष सकल घरेलू उत्पाद के 6.1 प्रतिशत बराबर हो जाएगा, जिसके गंभीर परिणाम होंगे.
चिदंबरम ने कहा कि समिति ने इसके लिए कराधान, विनिवेश और खर्च में सुधार के लिए कई उपाय सुझाए हैं. कराधान के मामले में समिति ने वस्तु और सेवाकर लागू करने की प्रबल सिफारिश की है और कहा है कि संसद में पेश करने से पहले प्रत्यक्ष कर संहिता की भी तुरंत समीक्षा की जानी चाहिए. कर वसूली सुधारने के लिए भी प्रशासनिक उपायों की सिफारिश की गई है.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय की विज्ञति के अनुसार, विनिवेश के मामले में समिति ने विनिवेश के लिए कुछ नये मॉडलों का सुझाव दिया है. उसने सरकार से आग्रह किया है कि वह कुछ कम्पनियों में अपने बकाया शेयरों का विनिवेश करे, जिनका पहले निजीकरण कर दिया गया था.
खर्च के मामले में समिति ने योजनाओं को युक्तिसंगत बनाने और खर्च पर कड़ी निगरानी और नियंत्रण रखने का सुझाव दिया है. सरकार ने इन सिफारिशों को मान लिया है.
चिदंबरम ने कहा कि राजस्व विभाग और व्यय-विभाग ने समिति की सिफारिशों पर कार्यवाही शुरू कर दी है. विनिवेश विभाग ने कुछ कम्पनियों में विनिवेश के लिए कैबिनेट से मंजूरी ले ली है. ये कम्पनियां हैं- हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड, नेलको, सेल, आरआईएनएल, बीएचईएल, ओआईएल, एमएमटीसी और एनएमडीसी.
उन्होंने कहा कि राजस्व प्राप्ति के अंतर्गत बेहतर राजस्व वसूली के लिए भी सभी प्रयास किए जाएंगे. योजना और गैर-योजना, दोनों मदों में खर्च में कटौती की जाएगी. जहां तक सब्सिडी की बात है, जरूरतमंद लोगों को आधार कार्ड के आधार पर सीधे नकद राशि देने की योजना बनाई जाएगी.
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार चालू खाता घाटा और वित्तीय घाटा, दोनों के प्रति सचेत है. चालू खाता घाटे को वर्तमान सकल घरेलू उत्पाद के 4.2 प्रतिशत से कम करके इस वर्ष 3.7 प्रतिशत लाया जाएगा. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, प्रत्यक्ष संस्थागत निवेश और विदेशी वाणिज्यिक उधारियों (ऋणों) से भी इस घाटे को कम करने में सहायता मिलेगी.
चिदंबरम ने कहा कि वित्तीय घाटे को भी कम करने के उपाय किए जाएंगे. 12वीं योजना में सरकार की कोशिश वर्तमान 5.3 प्रतिशत वित्तीय घाटे को कम करके तीन प्रतिशत तक लाने की होगी.
उन्होंने कहा कि इन सभी उपायों के अंतर्गत इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि गरीबों पर इसका बोझ न पड़े. उन्होंने गरीबों की सहायता के लिए बने फ्लैगशिप कार्यक्रमों और समग्र विकास को पूरा संरक्षण देने का आश्वासन भी दिया.