वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने संसद में बहुप्रतीक्षित आम बजट पेश कर दिया है. उन्होंने कृषि क्षेत्र की तरक्की के लिए भी घोषणाएं की हैं.
सरकार ने देश के किसानों को अब चार प्रतिशत के ब्याज पर कृषि ऋण देने की पेशकश की है, जो बाजार दर से तीन फीसद कम है. यह सुविधा उन किसानों को प्राप्त होगी, जो समय पर अपना कृषि ऋण चुकाएंगे.
इसके साथ ही सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए ऋण देने को लक्ष्य में एक लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है.
वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी ने अपने बजट प्रस्ताव में कहा, 'सात प्रतिशत के ब्याज पर अल्पावधिक फसल ऋण की ब्याज सब्सिडी योजना वित्त वर्ष 2011-12 में भी जारी रहेगी.’’ उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए ऋण वितरण लक्ष्य को एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर 4,75,000 करोड़ रुपये किया गया है. इसके अलावा बैंकों से कहा गया है कि वे लघु एवं सीमांत किसानों को ऋण उधारी देने पर ध्यान केन्द्रित करें.{mospagebreak}
उन्होंने कहा, 'पिछले बजट में मैंने उन किसानों के लिए ब्याज पर दो प्रतिशत की अतिरिक्त रियायत दी थी, जिन्होंने समय पर ऋण का भुगतान किया. ऐसे किसानों को मैं 2011-12 में तीन प्रतिशत की ब्याज छूट देने का प्रस्ताव करता हूं. ऐसे किसानों के लिए ब्याज की प्रभावी दर चार प्रतिशत होगी.'
खाद्य वस्तुओं की ऊंची मुद्रास्फीति और दलहन एवं तिलहन के लिए आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए वित्तमंत्री ने सब्जियों, दलहनों, तिलहनों, चारा और मोटे अनाज और मक्का जैसे पोषण तत्वों से समृद्ध अनाज के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाओं की घोषणा की.