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दबाव में सुधार का फैसला वापस नहीं लें: उद्योग

देश के उद्योग जगत ने बुधवार को सरकार से कहा कि वह दबाव में हाल के बहुब्रांड खुदरा बाजार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश  और डीजल मूल्य वृद्धि के फैसले वापस नहीं लें.

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आर वी कनोरिया
आर वी कनोरिया

देश के उद्योग जगत ने बुधवार को सरकार से कहा कि वह दबाव में हाल के बहुब्रांड खुदरा बाजार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और डीजल मूल्य वृद्धि के फैसले वापस नहीं लें. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से सरकार की नीतिगत फैसला लेने की क्षमता पर सवाल उठेगा और कारोबार में निराशा फैलेगी.

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फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, 'सरकार को पीछे नहीं हटना चाहिए. इससे संकेत जाएगा कि सरकार फैसला लेने में सक्षम नहीं है.'

कनोरिया ने कहा कि खुदरा बाजार और उड्डयन में विदेशी निवेश के फैसले पर विवाद दुखद है.

केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 फीसदी एफडीआई और घरेलू निजी विमानन कम्पनियों में विदेशी विमानन कंपनियों के 49 फीसदी तक निवेश को अनुमति दे दी.

सरकार ने डीजल मूल्य भी पांच रुपये बढ़ा दिया, जो अब तक सर्वाधिक वृद्धि है.

फैसले का तेज राजनीतिक विरोध हुआ. सत्ताधारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की एक विशेष सहयोगी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने फैसले के विरोध में गठबंधन से बाहर निकलने की घोषणा कर दी.

बायोकॉन की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक किरण मजुमदार शॉ ने कहा कि एफडीआई से भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा और जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वे विकास की सोच नहीं रखते हैं.

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शॉ ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, 'हमें स्वच्छ और विकासवादी राजनीतिज्ञ की जरूरत है. बेशक ममता (ममता बनर्जी) की छवि पूरी तरह बेदाग है लेकिन वह विकासशील नहीं हैं.'

महिंद्रा एंड महिंद्रा के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने कहा, 'मैं सरकार से दृढ़ता बनाए रखने का अनुरोध करता हूं.'

गुरुवार को विपक्षी पार्टियों ने फैसले के विरोध में देशव्यापी बंद का आह्वान किया है.

फिक्की के अध्यक्ष कनोरिया ने कहा, 'फिक्की सभी पार्टियों से अपने फैसले पर दोबारा सोचने का अनुरोध करती है. इससे न सिर्फ देश का काफी नुकसान होगा, बल्कि गरीबों और दिहाड़ी पर काम करने वाले सीधे प्रभावित होंगे.'

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