वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने महंगाई पर नियंत्रण के कई उपाय किए हैं पर उसके पास कोई अलादीन का चिराग नहीं है जिससे महंगाई को तत्काल वश में कर लिया जाए.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘आप ऐसी उम्मीद नहीं कर सकते कि कोई ऐसी जादू की छड़ी या अलादीन का चिराग है जिसको आप रगड़े और परेशानी छू मंतर हो जाए.’ वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक ने भी मौद्रिक नीति को सख्त करने जैसे उपायों के जरिए मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के कदम उठाए हैं.
उल्लेखनीय है कि फल, दूध और अंडा-मांस की कीमतों के दबाव के चलते 22 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति फिर 17 प्रतिशत से ऊपर चली गयी. दिसंबर में सामान्य मुद्रास्फीति भी एक माह पूर्व के 7.48 प्रतिशत से बढ़ कर 8.43 प्रतिशत हो गयी. चालू वित्ती वर्ष में आर्थिक वृद्धि 8.5 से 9.0 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीदे की जा रही हैं पर मुद्रास्फीति उच्च वृद्धि की संभावनाओं के लिए खतरा बनी हुई है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यों के मुख्य सचिवों के सम्मेलन में कहा कि मुद्रास्फीति आर्थिक वृद्धि की उच्च गति के लिए गंभीर खतरा बनी हुई है और इससे गरीब तथा कमजोर वर्ग लोगों पर असर पड़ रहा है. प्रधानमंत्री ने राज्यों से मंडी शुल्क, चुंगी और ऐसे अन्य स्थानीय करों को खत्म करने को कहा ताकि महंगाई पर काबू के लिए आवश्यक वस्तुओं का परिवहन सुगम किया जा सके.