अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत की विकास दर का अनुमान घटाकर 2012-13 के लिए 4.9 फीसदी और 2013-14 के लिए छह फीसदी कर दिया. आईएमएफ ने कहा कि परिदृश्य खराब हुए हैं और जोखिम बढ़ा है.
टोक्यो में मंगलवार को जारी आईएमएफ की ताजा 'वर्ल्ड इकॉनमिक आउटलुक' (डब्ल्यूईओ) रिपोर्ट में वैश्विक विकास दर के 2012 में 3.3 फीसदी और 2013 में 3.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया. वर्ष 2011-12 में भारत की आर्थिक विकास दर 6.8 फीसदी थी और जुलाई की डब्ल्यूईओ रिपोर्ट में आईएमएफ ने देश की विकास दर 6.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया था.
आईएमएफ ने कहा कि बाहरी परिस्थिति में आए सुधार और सरकार द्वारा हाल में आर्थिक सुधार के लिए की गई घोषणा से बने माहौल के कारण 2013 में आर्थिक विकास दर छह फीसदी रहेगी, जो जुलाई के अनुमान से 0.6 फीसदी कम है. आईएमएफ के मुताबिक विकासशील एशिया में सम्पूर्ण रूप से 2012 में औसत विकास दर 6.7 फीसदी और 2012 की दूसरी छमाही में यह 7.25 फीसदी रहने का अनुमान है.
इस विकास में मुख्य अगुआ चीन रहेगा. विकसित देशों की विकास दर इस वर्ष 1.3 फीसदी रहने का अनुमान है, जो पिछले साल 1.6 फीसदी थी और 2010 में 3.0 फीसदी थी. रिपोर्ट में सरकारी खर्च में कटौती को इसका एक प्रमुख कारण बताया गया. रिपोर्ट के मुताबिक चीन, भारत, रूस और ब्राजील जैसे प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं में विकास दर कम रहेगी.
कुल वैश्विक व्यापार की विकास दर भी घटकर 3.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया, जो पिछले साल 5.8 फीसदी और 2010 में 12.6 फीसदी थी. आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री ऑलीवर ब्लांकार्ड ने कहा, 'विकसित देशों में सुस्त विकास और अनिश्चितता व्यापार और वित्तीय साधनों के जरिए उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित कर रहा है, जिसे घरेलू कारण और भी बढ़ा रहे हैं.'