जनता को महंगाई से राहत देने के लिए आगामी बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को 1.60 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जाना चाहिए. उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में ज्यादातर मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) ने यह राय जाहिर की है.
एसोचैम के बजट पूर्व सर्वेक्षण में ज्यादातर कंपनियों के सीईओ ने कहा है कि महंगाई खासकर खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति को देखते हुए सरकार को आयकर छूट सीमा को 1.60 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करना चाहिए, जिससे समाज के एक बड़े वर्ग को राहत मिलेगी.
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी 28 फरवरी को 2011-12 का बजट पेश करेंगे. वर्तमान में आयकर छूट की सीमा 1.60 लाख रुपये है. महिलाएं के लिए यह सीमा 1.90 लाख रुपये और वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह 2.40 लाख रुपये है. हालांकि, पिछले साल संसद में पेश किए गए प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) विधेयक में आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर 2 लाख रुपये किए जाने का प्रावधान है.
{mospagebreak} डीटीसी के अप्रैल, 2012 से 50 साल पुराने आयकर अधिनियम की जगह लेने की उम्मीद है. सर्वे में कहा गया है कि ऊंची महंगाई तथा वैश्विक स्तर पर जिंसों के ऊंचे दामों के मद्देनजर प्रोत्साहन पैकेजों को जारी रखा जाना चाहिए, जिससे वृद्धि दर प्रभावित न होने पाए. एसोचैम के इस बजट पूर्व सर्वेक्षण में 1,000 सीईओ शामिल हुए.बड़े, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों के 84 प्रतिशत मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की राय थी कि कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, निर्माण तथा रीयल एस्टेट, सीमेंट और इस्पात के दिया जा रहा प्रोत्साहन अगले वित्त वर्ष में भी जारी रहना चाहिए.