डीजल, रसोई गैस और राशन में बिकने वाले मिट्टी तेल पर होने वाले नुकसान की सरकार की तरफ से इस तिमाही कोई भरपाई नहीं होने से पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कापरेरेशन को वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 22,451 करोड़ रुपये का रिकार्ड घाटा हुआ है.
कंपनी ने सरकार से डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल के साथ साथ पेट्रोल की बिक्री पर होने वाले नुकसान की भी जल्द भरपाई की मांग की है. कंपनी को एक साल पहली इसी तिमाही में 3,719 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.
इंडियन ऑयल के चेयरमैन आर.एस. बुटोला ने कहा कि कंपनी को पेट्रोल पर 1.37 रुपये प्रति लीटर का अभी भी घाटा हो रहा है. इसके अलावा डीजल की बिक्री 12.13 रुपये और राशन के मिट्टी तेल की बिक्री 28.54 रुपये प्रतिलीटर के नुकसान पर कर रही है. घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर उसे 231 रुपये प्रति सिलेंडर का नुकसान हो रहा है.
उन्होंने कहा महंगाई की चिंताओं को देखते हुये कंपनी फिलहाल पेट्रोल की बढ़ी कीमतों का पूरा बोझ जनता पर नहीं डाल रही है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम घटने के बाद फिर बढ़ने लगे हैं उस पर भी हमारी नजर है. कंपनी का कर्ज बढ़ता जा रहा है. नुकसान ज्यादा होने पर इस बारे में सोचा जायेगा. सरकार को हमने अपनी चिंता से अवगत करा दिया है.
बुटोला ने कहा कि जरुरी ईंधन सस्ते दाम पर जनता तक पहुंचाने के एवज में सरकार की तरफ से नुकसान की भरपाई नहीं किये जाने से उसका घाटा बढ़ा है. इसके साथ ही कंपनी का उधार भी उसकी तय सीमा के करीब पहुंच चुका है. समीक्षागत तिमाही के दौरान कंपनी कुल कर्ज 90,000 करोड़ रुपये से उपर निकल गया जबकि उसकी कुल उधार सीमा 1,10,000 करोड़ रुपये तक है.