देश का औद्योगिक उत्पादन जुलाई में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 0.1 फीसदी की मामूली तेजी से बढ़ा. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा बुधवार को जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण, खनन और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में खराब प्रदर्शन के कारण वृद्धि दर मामूली रही.
विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 75.5 फीसदी योगदान रहता है. इसमें जुलाई में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 0.2 फीसदी की गिरावट रही. जून में इसमें तीन फीसदी गिरावट थी. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में विनिर्माण क्षेत्र में मांग कम देखी जा रही है और पिछले पांच में से चार महीने में विनिर्मित वस्तुओं के निर्यात में गिरावट रही.
खनन उत्पादन में आलोच्य अवधि में 0.7 फीसदी की गिरावट रही. निवेश का प्रमुख परिचायक पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में आलोच्य अवधि में पांच फीसदी गिरावट रही. पिछले साल की समान अवधि में इसमें 13.7 फीसदी गिरावट थी. अप्रैल-जुलाई अवधि में पूंजीगत वस्तु उत्पादन में 16.8 फीसदी गिरावट रही, जबकि 2011-12 की समान अवधि में इसमें 8.2 फीसदी तेजी थी.
बिजली उत्पादन आलोच्य अवधि में 2.8 फीसदी बढ़ा. आधारभूत वस्तु (1.5 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.4 फीसदी) और उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तु (0.1 फीसदी) में भी तेजी रही. विश्लेषकों के मुताबिक ये आंकड़े संरचनात्मक कमजोरी की ओर इशारा करते हैं और इस सुस्ती से निपटने के लिए सरकार पर तत्काल नीतिगत पहल करने का दबाव डालते हैं.