केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को जून के औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा कि सरकार बिजली और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बाधा हटाने का काम करेगी, जिससे विकास बाधित हो रहा है.
चिदंबरम ने मासिक आंकड़े पर प्रतिक्रिया में कहा, 'महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है.'
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा. विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में 3.2 फीसदी गिरावट का इस गिरावट में प्रमुख योगदान रहा.
गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है.
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के साथ मापे जाने वाले औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही.
चिदंबरम के मुताबिक यदि मांग पैदा करने वाले उद्योगों में नया निवेश हो, तो उत्पादन बढ़ सकता है.
उन्होंने एक बयान में कहा, 'विनिर्माण और निर्यात क्षेत्र बाधाओं को दोगुनी रफ्तार से हटाना होगा. हम उन समस्याओं का व्यावहारिक समाधान करना चाहते हैं, जिससे कोयला, खनन, पेट्रोलियम, बिजली, सड़क परिवहन, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र में उच्च उत्पादन बाधित हो रहा है.'
विनिर्माण क्षेत्र में जून में 3.2 फीसदी गिरावट दर्ज की गई, जबकि बिजली और खनन उत्पादन में क्रमश: 8.8 फीसदी तथा 0.6 फीसदी तेजी रही.
आलोच्य अवधि में पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी.
मासिक आंकड़े पर प्रतिक्रिया में भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि जून का आंकड़ा निराशाजनक है और गहरी औद्योगिक सुस्ती की ओर इशारा करता है, जिसका अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालीन असर होगा.
उन्होंने कहा, 'भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार दोनों की ओर से तुरंत नीतिगत पहल किए जाने की जरूरत है.'
आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही.