संकटग्रस्त किंगफिशर एयरलाइंस का परिचालन बहाल होने की उम्मीदें धुंधला गई, जबकि कंपनी प्रबंधन की हड़ताली अभियंताओं तथा पायलटों से बातचीत सिरे नहीं चढ सकी. कंपनी के अभियंता तथा पायटल बीते सात महीने के वेतन का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं.
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नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने भी इसको लेकर संदेह जताया है कि कंपनी शु्क्रवार से उड़ानें फिर शुरू करने में सक्षम होगी. कंपनी आंशिक तालाबंदी का सामना कर रही है.
किंगफिशर एयलाइंस के सीईओ संजय अग्रवाल तथा अन्य आला अफसरों ने गुड़गांव में हड़ताली अभियंताओं तथा पायलटों से मुलाकात की ताकि उन्हें काम पर लौटने को मनाया जा सके.
सूत्रों के अनुसार प्रबंधन ने कर्मचारियों को मार्च महीने के वेतन की पेशकश की और कहा कि बाकी छह महीने का वेतन कंपनी के पुन:पूंजीकृत होने पर दिया जाएगा.
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अभियंताओं व पायलटों ने इस पेशकश को खारिज कर दिया. ऐसी ही पेशकश मुंबई में हुई बैठक में भी की गई थी. वहां भी हड़ताली कर्मचारियों ने इसे स्वीकार नहीं किया.
किंगफिशर की उड़ानें शुक्रवार से बहाल होने की संभावना पर नागर विमानन मंत्री सिंह ने कोई अटकल लगाने से इनकार करते हुए कहा कि मेरा काम नागर विमानन मंत्री का है और यह सुनिश्चित करना डीजीसीए का काम है कि उड़ानें शुरू करने से पहले किंगफिशर सभी सुरक्षा मानकों पर खरी उतरे.
उन्होंने कहा कि कंपनी इस स्थिति में होनी चाहिए कि उसके विमान प्रमाणित हों और वे डीजीसीए को संतुष्ठ करें. किंगफिशर को 8,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था और उस पर 7,000 करोड़ रुपये का और रिण बोझ है.