लोकसभा ने रेल बजट को मंजूरी दे दी है. रेल बजट में बंगाल और बाकी सब कंगाल के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए रेल मंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि रेलवे कश्मीर से कन्याकुमारी तक दिलों को जोड़ने का काम करती है और उनका प्रयास रेल उद्योगों को व्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ाने, सुरक्षा-संरक्षा को बेहतर बनाने और लंबित परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूरा करने का है.
रेल मंत्री ने हालांकि जनप्रतिनिधियों समेत समाज के सभी वर्ग के लोगों से आग्रह किया कि विरोध प्रदर्शन के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करते समय वह रेलवे को निशाना बनाने की प्रवृति त्याग दें. इसके कारण न केवल रेलवे को नुकसान होता है बल्कि ट्रेनें भी समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाती हैं.
ममता ने कहा, ‘कोई आंदोलन हुआ रेल बंद. चूंकि रेल दिखती है. इसलिए इसे निशाना बनाया जाता है. यह ठीक नहीं है.’ रेल मंत्री के जवाब के साथ ही लोकसभा ने 2010-11 की अतिरिक्त अनुदान मांगे और 2011-12 की अनुदान की मांगें और इससे संबंधित विनियोग विधेयक को मंजूरी दे दी. साथ ही विपक्ष की ओर पेश कटौती प्रस्ताव को ध्वनिमत से नामंजूर कर दिया. {mospagebreak}
रेलवे की खराब वित्तीय स्थिति के विपक्ष के आरोपों को गलत बताते हुए ममता ने कहा कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के कारण रेलवे पर 73 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ जरूर पड़ा है लेकिन रेलवे के लदान और यात्री किराये से होने वाला राजस्व अच्छा है. यह जरूर है कि विभिन्न आंदोलनों के कारण रेलवे को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा है.
अपने अपने क्षेत्र में ट्रेनों का ठहराव देने की सदस्यों की मांग को नामंजूर करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि एक दो स्थानों पर ऐसे प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है लेकिन सभी स्थानों पर ठहराव देने से रेल की स्थिति लोकल बस जैसी हो जायेगी.
मधेपुरा, मढ़हौरा और कचरापाड़ा में प्रस्तावित रेल कारखाने का उल्लेख करते हुए ममता ने कहा, ‘ये कारखाने सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत लगाये जाने हैं और इसके लिए रेलवे ने छह सदस्यीय समिति गठित की है.’ उन्होंने कहा, ‘इस मामले में जल्दी करने से गोलमाल हो जायेगा और फिर आप ही लोग घोटाला-घोटाला चिल्लायेंगे और इस्तीफे की मांग करेंगे.’ {mospagebreak}
रेलवे में वर्षों से लंबित पड़ी परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि इस विषय में उनकी प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से चर्चा हुई है. इसके बारे में योजना आयोग से भी विचार विमर्श किया गया है. योजना आयोग ने 12वीं पंचवर्षीय योजना में इसके लिए प्रावधान की बात कही है. उन्होंने कहा कि इसी संदर्भ में 12वीं योजना के तहत 291 परियोजनाओं को रखा गया है.
उन्होंने वामदल के एक सदस्य के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि योजना आयोग की मंजूरी के बगैर परियोजनाओं की घोषणा की जा रही है. उन्होंने कहा, ‘योजना आयोग की मंजूरी के बगैर मैंने कोई काम नहीं किया है. सभी काम नियमों के दायरे में किये जा रहे हैं. इस मामले में गंदी राजनीति नहीं की जानी चाहिए.’ रेलवे में सुरक्षा और संरक्षा को प्राथमिकता दिये जाने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि टक्कररोधी उपकरण लगाने के काम को आगे बढ़ाया गया है और सात क्षेत्रीय रेनवे में परियोजना शुरू किया जायेगा.