पश्चिम बंगाल में 2011 में आसन्न विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी के लोकलुभावन रेल बजट पेश किये जाने की संभावना के बीच सांसदों ने पुरानी परियोजनाओं पर कारगर तरीके से अमल करने और पूरे हिन्दुस्तान की जरूरतों को ध्यान रखने की मांग की है.
25 फरवरी को पेश होने वाले रेल बजट से पहले भाकपा सांसद गुरुदास दासगुप्ता ने कहा, ‘हमारी एक ही मांग है कि यह रेल बजट चुनावी बजट या पश्चिम बंगाल का बजट नहीं होना चाहिए बल्कि हिन्दुस्तान और आम जनता का बजट होना चाहिए. रेल मंत्री केवल पश्चिम बंगाल की नहीं बल्कि पूरे देश की हैं.’ पिछले रेल बजट में परियोजनाओं की घोषणा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह ‘मदारी’ के खेल जैसा है और घोषित परियोजनाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया गया है.
ग्रामीण विकास राज्य मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि रेल मंत्री ने पिछले बजट में उत्तरप्रदेश के लिए कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध करायी थी. इस बार हम प्रदेश के लिए अधिक रेल सुविधाओं की मांग करते हैं जिसमें अधिक ट्रेनें, विद्युतीकरण, दोहरीकरण से जुड़े कार्य शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘हम उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में एक खेल अकादमी स्थापित किये जाने की मांग भी करते हैं.’ {mospagebreak}
भाजपा के कीर्ति आजाद ने पिछले रेल बजट में बिहार को नजरंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस बार हमारी उम्मीद है कि बिहार में रेल फैक्टरी स्थापित करने की परियोजना को ठंडे बस्ते में नहीं डाला जायेगा बल्कि इस पर अमल किये जाने की घोषणा की जायेगी. आजाद ने कहा, ‘रेल मंत्री को यह ध्यान रखना चाहिए कि बिहार के लोग देश के विभिन्न प्रदेशों में बड़ी संख्या में यात्रा करते हैं जिससे रेलवे को काफी आय होती है. ममता दी को रेल बजट में बिहार के लिए नयी ट्रेनों की घोषणा करनी चाहिए.’
पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा, ‘मेरे ख्याल से यह रेल बजट लोगों के लिए काफी अच्छा रहेगा और सभी वर्ग के लोगों की सुख सुविधाओं को ध्यान में रखा जायेगा.’ उन्होंने कहा कि रेल मंत्री को झारखंड की जरूरत पर ध्यान देना चाहिए और लम्बे समय से लंबित उसकी कुछ मांगों को पूरा करना चाहिए. {mospagebreak}
रालोद के जयंत चौधरी ने कहा कि रेल सुरक्षा का मुद्दा सर्वोपरि है और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना रेलवे की सबसे बड़ी जिम्मेदारी. पिछली बार रेल मंत्री ने कहा था कि प्रयोग के तौर पर टक्कर रोधी उपकरण का परीक्षण किया जा रहा है. हमारी मांग है कि इसे पूरी तरह से लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि कई स्टेशनों को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने की घोषणा की गई है लेकिन इस दिशा में कार्य को आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है. इसके साथ ही टिकटों के दलालों पर लगाम लगाने के लिए एक छापामार दस्ता बनाया जाना चाहिए.