दुनिया की दिग्गज शराब कंपनी डियाजियो ने देश की दिग्गज शराब कंपनी यूनाइटेड स्प्रिट्स का अधिग्रहण करने की घोषणा की है. विजय माल्या की इस कंपनी ने अपनी 53.4 फीसद हिस्सेदारी ब्रिटिश कंपनी को 11,166.5 करोड़ रुपये में बेच दी है. यह इस साल हुए सबसे बड़े सौदों में से एक है.
इस अधिग्रहण के बाद डियाजियो के लिए भारत अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा. कई चरणों में होने वाला यह सौदा छह साल में पूरा होगा. यह करार ऐसे समय हुआ है जब विजय माल्या की विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस नकदी संकट के चलते उड़ान नहीं भर पा रही है.
कंपनी 9,000 करोड़ रुपये के भारी भरकम घाटे में है और उस पर 17 बैंकों का 7,500 करोड़ रुपये बकाया है. हालांकि माल्या ने स्पष्ट कर दिया है कि डियाजियो से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल किंगफिशर को पटरी पर लाने में नहीं किया जाएगा. मगर माना जा रहा है कि इससे वे बैंकों का कर्ज चुका सकते हैं. ऐसा करने से न सिर्फ उनकी साख बची रहेगी बल्कि बैंकों से आगे कर्ज लेने में दिक्कत भी नहीं होगी.
इसके अलावा किंगफिशर के कर्ज के लिए उन्होंने जो संपत्ति गिरवी रखी है या फिर यूबी समूह की जो बैंक गारंटी दी है उसे भी बचाने में मदद मिलेगी. इस करार की घोषणा के बाद माल्या ने कहा, मैंने न तो पूरी कंपनी बेची है और न ही परिवार की किसी संपत्ति का सौदा है बल्कि पूंजी जरूरतों के लिए यह कदम उठाया है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि इस राशि का इस्तेमाल किंगफिशर के बेलआउट के रूप में नहीं किया जाएगा.
माल्या ने कहा कि शराब और बियर कारोबार के लिए जो बेहतर हो सकता था वो मैंने किया. एयरलाइन के लिए भी मैं बेहतर करूंगा. इससे पहले, दोनों कंपनियों की ओर से जारी संयुक्त बयान में डियाजियो ने कहा कि यूनाइटेड ब्रेवरीज (होल्डिंग) लिमिटेड (यूबीएचल) की यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड (यूएसएल) में 27.4 फीसद हिस्सेदारी खरीदने का समझौता हुआ है.