एक महीना बीत चुका है मारुति के मानेसर प्लांट की हिंसा को और एक महीने बाद मंगलवार को खुल रहा है मारुति का मानेसर प्लांट.
हालांकि अभी मारुति प्रबंधन अभी सिर्फ एक ही पाली में काम शुरू करवाएगा. हिंसा की पिछली घटना को देखते हुए इस बार सरकार और मारुति प्रबंधन की तरफ से सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं.
तमाम कड़वी यादों को भुलाते हुए, मारुति ने आखिरकार गुड़गांव का मानेसर प्लांट खोल ही दिया. 18 जुलाई को हुई हिंसा के बाद मारुति ने मानेसर प्लांट पर ताला जड़ दिया था लेकिन सरकार और तमाम लोगों की कोशिशों के बाद आखिर खुल गया ताला. मानेसर प्लांट को मारुति प्रबंधन ने रीओपन कर दिया.
मानेसर प्लांट तो खुल गया लेकिन अभी इसमें काम करने वालों की तादाद काफी कम रहेगी. मारुति प्रबंधन के मुताबिक मानेसर प्लांट में अभी 300 कर्मचारियों के साथ काम होगा और अभी सिर्फ सुबह आठ बजे से लेकर शाम साढ़े 4 बजे तक की शिफ्ट में ही काम होगा.
यही नहीं, मारुति के मानेसर प्लांट में अब उत्पादन भारी सुरक्षा के बीच होगा. रैपिड एक्शन फोर्स यानी आरएएफ के करीब 500 जवान मानेसर प्लांट की सुरक्षा में तैनात रहेंगे. जिसमें से 200 लोग प्लांट के भीतर की सुरक्षा देखेंगे. साथ ही अधिकारियों और उनके परिवारों को भी सुरक्षा मुहैया कराई गई है. जबकि मारुति ने भी सेना के पूर्व जवानों की अपनी फौज बनाकर प्लांट की सुरक्षा में लगाया है.
करीब महीने भर पहले 18 जुलाई को मारुति के मानेसर प्लांट में हिंसा हुई थी, जिसमें कंपनी के एचआर मैनेजर की मौत हो गई थी. जबकि 100 से ज्यादा जख्मी हो गए थे. हिंसा फैलाने वाले करीब 500 कर्मचारियों को मारुति ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. जिसे लेकर भी बवाल और सियासत मची हुई है. ऐसे में फिर किसी अनहोनी की आशंका के चलते ही मारुति ने मानेसर प्लांट को छावनी में तब्दील कर दिया है.