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बजट में होगी निर्यात को और सुविधाजनक बनाने की नई पहल

देश के निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये निर्यात लागत को कम करने और उसे सुविधाजनक बनाने के लिये पड रहे चौतरफा दबाव के बीच वित्त मंत्रालय आगामी बजट में इस दिशा में कुछ नये कदम उठा सकता है.

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Pranab Mukherjee
Pranab Mukherjee

देश के निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये निर्यात लागत को कम करने और उसे सुविधाजनक बनाने के लिये पड रहे चौतरफा दबाव के बीच वित्त मंत्रालय आगामी बजट में इस दिशा में कुछ नये कदम उठा सकता है.

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वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इसका संकेत देते हुये कहा कि वित्त मंत्रालय निर्यातकों की मदद के लिये प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि निर्यातकों को शुल्क मुक्त आयात और सेवाकर रिफंड के लिये प्रक्रियाओं को सरल बनाया जायेगा. मुखर्जी ने निर्यातकों की निर्यात सौदों पर आने वाली लागत पर तैयार कार्यदल की रिपोर्ट जारी करने के मौके पर यह जानकारी दी.

यह रिपोर्ट वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के मार्गनिर्देशन में तैयार की गई. मुखर्जी ने कहा निर्यातकों के लिये ‘सिंगल बॉन्‍ड पत्र’ और ‘सेवा कर रिफंड’ जैसे प्रक्रियाओं को सरल बनाने वाले उपायों पर काम चल रहा है. सेवा कर रिफंड पर एक समिति बनाई गई है, यह अपना काम कर रही है और इसमें सुझाव भी मांगे जा रहे हैं. {mospagebreak}

उन्होंने कहा कि सरकार निर्यात कारोबार पर आने वाली लागत को कम करने के लिये खुले दिमाग से काम करेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि देश के निर्यात कारोबार में सात से दस प्रतिशत इसपर आने वाली लागत होती है. इस लिहाज से 200 अरब डालर के निर्यात में करीब 15 अरब डालर केवल सौंदों पर आने वाली विभिन्न प्रकार की लागत होती है. इस लागत को कम करने के लिये तैयार कार्यबल की रिपोर्ट की उन्होंने सराहना की.

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मुखर्जी ने निर्यात का खर्चा कम करने की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि आठ सीमा शुल्क केन्द्रों पर 24 घंटे क्लीयरेंस सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने कहा, ‘कोलकाता, मंगलूर, जेएनपीटी, मुंबई, भुवनेश्वर और चेन्नई सहित आठ सीमा शुल्क केन्द्र 24 घंटे निर्यात माल की मंजूरी देने के लिये काम कर रहे हैं.’ इससे निर्यातकों के समय की बचत होगी. {mospagebreak}

इससे पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि विश्व बाजार की मंदी से उपजी तमाम समस्याओं के बावजूद चालू वित्त वर्ष में देश का निर्यात कारोबार 200 अरब डालर के आंकड़े को पार कर जायेगा.

शर्मा ने कहा, ‘भारत में एक कंटनेर निर्यात माल भेजने पर निर्यातकों को विभिन्न सरकारी प्रक्रियाओं पर 945 डालर का खर्च करना पड़ता है. चीन में ये खर्चे 460 डालर और मलेशिया में 450 डालर प्रति कंटेनर तक है.’ उन्होंने कहा, ‘इस लागत को घटाकर कम से कम 500 डालर तक लाया जायेगा.’ शर्मा ने कहा कि निर्यात कारोबार को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये विश्वस्तरीय ढांचागत सुविधा और कागजी कारवाई में लगने वाले समय को कम करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इन मामलों में कार्यबल की रिपोर्ट महत्वपूर्ण साबित होगी.

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