मारुति 800 जब 1983 में लॉन्च हुई थी तो वो नई टेक्नोलॉजी के साथ आई थी. उससे पहले जो भी गाड़ियां थीं, वो पुरानी टेक्नोलॉजी पर, हेवी फ्यूल कंज़ंप्शन, हेवी स्टेरिंग, पुअर ब्रेकिंग सिस्टम वाली गाड़ियां थीं. ये एक पहली गाड़ी थी, जो सारी चीज़ों के साथ लॉन्च हुई थी. एसी, इज़ी स्टेयरिंग, तमाम चीज़ें थीं. ये एक पॉपुलर गाड़ी थी. 26 साल बाद मारुति 800 की विदाई एक गाड़ी की विदाई नहीं थी, एक युग की विदाई थी. बाज़ार की हक़ीकतों ने सपनों के इस हवाई जहाज पर पूर्ण विराम लिख दिया था. लेकिन वक्त का पहिया पलट रहा है. लौट रही है ललक की सवारी. मारुति 800. नाम वही लेकिन रंगत नई.
मारुति 800 को मिल रहा है नया नाम
दरअसल 800 वापस तो आ रही है लेकिन अल्टो के साथ. यानी आपकी सपनों की कार आएगी ज़रूर लेकिन नए कलेवर के साथ. ये कार तो एक होगी लेकिन इसमें खूबियां अनेक होंगी. हिंदुस्तान में क्रिकेट मतलब सचिन तेंदुलकर, हीरो मतलब अमिताभ बच्चन, घी मतलब डालडा, ठंडा मतलब कोका कोला और कार मतलब मारुति 800. मारुति 800 ये नाम भारत के उन कुछ गिने-चुने नामों में से एक है, जो रहे न रहे लेकिन उनके नाम सदियों तक याद रहेंगे.
ज़ाहिर है लोगों कि ज़ुबान पर पिछले 28 सालों से जो नाम चढ़ा हुआ है, उसे कोई कंपनी ऐसे ही कैसे खत्म हो जाने देती. मारुति सुज़ूकी ने फैसला किया कि आम आदमी की ज़िंदगी से जुड़ी इस कार को दोबारा आम आदमी के बीच उतारना है. लेकिन कंपनी ने इस बार इस बात का खयाल रखा है कि उनकी और पूरे हिंदुस्तान की यह सबसे चहेती कार फिर से सड़कों पर उतारी तो जाएगी, लेकिन नए अंदाज़ और नए रूबाब के साथ.
दिवाली के आसपास लांच होगी मारुति ऑल्टो 800
भारत में जिन दो कारों ने सबसे ज़्यादा लोगों का दिल जीता उनमें सबसे पहला नंबर है आपकी अपनी मारुति 800 औऱ दूसरा नंबर है मारुति ऑल्टो. सोने पर सुहागा ये है कि कंपनी ने अपने इन दोनों अनमोल रत्नों को एक साथ मिलाकर आपके सामने पेश करने की तैयारी कर ली है. जी हां मारुति ने अपने इन दोनों कारों को एक साथ मिलाकर बाज़ार में उतारने का फैसला किया है औऱ इस कार का नाम होगा मारुति ऑल्टो-800. यानी इसमें मारुति 800 की नज़ाकत भी होगी औऱ अल्टो की पावर भी.
800 के जैसी कीमत भी होगी जो आम आदमी के सपनों को पूरा करे तो ऑल्टो का माइलेज होगा जो बढ़ती मंहगाई में भी आपके जेब का ख्याल रखेगी. मारुति की ये मोस्ट अवेटेड कार इस साल दिवाली के आसपास लांच होने वाली है. मारुति 800 बड़े शहरों से पहले ही अलविदा कह चुकी है औऱ कंपनी ने पुरानी अल्टो को भी बंद करने का फैसला किया है. लेकिन पुरानी अल्टो की जगह लेने और मारुति 800 की याद दिलाने आ रही है नई अल्टो 800.
मारुति 800 से जुड़ी रोचक कहानियां
मारुति 800 से जुड़ी यादें तमाम हैं. किसी के लिए स्टेटस सिंबल, किसी के लिए घर का सदस्य, किसी के लिए ज़िंदगी के सफर का साथी और किसी के लिए लकी. जितने लोग, मारुति 800 से जुड़ी उतनी कहानियां. इन तमाम कहानियों में से पेश है कुछ अजीब कहानियां.
भोपाल के मंडलोई साहब को 10 महीने बाद मिली मारुति 800
-भोपाल के पीके मंडलोई, बैंक से रिटायर हो चुके हैं. बात पुरानी हो चुकी है लेकिन मंडलोई साहब बहुत अच्छे से याद है. पूरे 10 महीने के इंतज़ार के बाद इनके आंगन में आई थी 800. मारुति 800 क्या मिली, जैसे दिवाली ही आ गई थी मंडलोई साहब के घर में.
पीके मंडलोई ने बताया, 'लोग सड़कों पर इकट्ठा हो जाते थे, देखते थे किसकी गाड़ी है. उन दिनों भोपाल में 6-7 गाड़ियां ही आई थी. लोग गाड़ियां चलाने को मांगते थे लेकिन मैं नहीं देता था.' 27 साल हो गए इस गाड़ी को इनके घर में आए. 59 हज़ार रुपए में ये गाड़ी खरीदी थी. कई बार इससे ज़्यादा कीमत लोगों ने उन्हें ऑफर की इस गाड़ी को बेचने के लिए लेकिन पीके मंडलोई के मन कभी ऐसा ख्याल भी नहीं आया.
उन्होंने बताया, 'कई लोग मुझे बोलते हैं इसे बेच दो, मैं बोलता हूं कि बेचना क्या जब ये मेरा साथ अभी तक दे रही है. आजतक इसने मुझे धोखा भी नहीं दिया है. मैं एवरेज चेक नहीं किया लेकिन फिर 17-18 का एवरेज होगा.' मंडलोई जी की ये मारुति 800 भोपाल में आई शुरुआती पांच कारों में से एक थी और पूरे शहर में इन्हीं के पास सफेद रंग की मारुति 800 थी.
27 साल बाद भी मंडलोई बंधुओं में इस गाड़ी को लेकर जुनून कम नहीं हुआ है. नई गाड़ियां आने के बाद उन्हें इस गाड़ी से इतना लगाव है कि उन्होंने ये गाड़ी नहीं छोड़ी है. इतनी यादें जुड़ी हैं कि उसे ये बेचना भी नहीं चाहते हैं.
जब जयपुर में दौड़ी पहली मारुति 800
-भोपाल ही नहीं देश के हर शहर में मारुति 800 के चाहने वालों की कमीं नहीं है. जयपुर के 84 साल के प्रोफेसर के.एल. कमल के लिए मारुति 800 खरीदना किसी बहुत बड़े कारनामे से कम नहीं था. प्रोफेसर कमल को याद है 1983 में पहले लॉट की लॉटरी में उनकी मारुति-800 निकली थी. उस वक्त मारुति 800 का इतना क्रेज था कि लॉटरी में नाम आना ही बड़ी बात थी. कई दिनों तक लोकल अखबारों में ये खबर छपी कि जापान की मारुति अब जयपुर भी आएगी.
प्रोफेसर के.एल. कमल ने बताया, 'घर में कोई वाहन नहीं था और इच्छा थी कि एक वाहन लूं. ईमानदारी का जीवन जीने वाले हम जैसे लोगों के लिए यही गाड़ी खरीदना मुमकिन था. लॉटरी से पता नहीं कैसे नंबर आ गाया और बच्चों को ये था कि घर में गाड़ी आ गई है.' प्रोफेसर कमल ने मारुति 800 को अपनी तरक्की के साथ जोड़ लिया है औऱ शायद इसलिए वो इस गाड़ी को अपने से अगल नहीं करना चाहते. घर में दूसरी गाड़ियां भी हैं लेकिन प्रोफेसर कमल औऱ उनकी पत्नी अपनी इस चहेती मारुति 800 में ही सफर करते हैं.
प्रोफेसर कमल ने कहा, 'वैसे मेरे लिए ये गाड़ी बहुत शुभ रही है. मैं उस समय प्रोफेसर भी नहीं बना था जब गाड़ी आई थी. मैं लक्सर से यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर बना तो मेरे लिए तो बहुत शुभ रही.' गाड़ियां कई आईं और चली गईं लेकिन मारुति 800 ने लोगों के घरों में ऐसी जगह बनाई कि वो सिर्फ एक गाड़ी न रहकर परिवार का हिस्सा बनी.
पुणे के विजय कुमार की मुराद हुई पूरी
-पुणे के विजय कुमार दलवी भी बड़ी मुरादों से मारुति 800 को घर लाए थे. विजय की ज़िंदगी में हर पल साथ दिया उनकी इस मुरादों की कार ने. विजय कुमार दलवी के अनुसार, 'ये मेरी घर की फैमली मेंबर है. किसी बूढ़े आदमी को घर से निकालते नहीं इसलिए मैने इसे भी अपने साथ रखा हुआ है. मारुति 800 ज़्यादातर लोगों की ज़िंदगी की न सिर्फ पहली कार है बल्कि भारत की सबसे ज़्यादा बिकने वाली कार भी है. इतना ही नहीं मारुति 800 वो कार है जिसे सबसे ज़्यादा लोगों ने सेकेंड हैंड कंडीशन में भी खरीदा. इसीलिए आज के दौर में भी पुरानी मारुति 800 की खरीद फरोख्त होती है.
दिलचस्प है आम आदमी की कार की कहानी
जिस कार ने मिडिल क्लास आदमी को स्कूटर से उतारकर कार में सवार करा दिया आखिर उसकी कहानी क्या है? कैसे इस कंपनी को भगवान का नाम मिला और किसकी कोशिशों से तैयार हुई आम आदमी की कार? ये कहानी है भारत की कार की, ये कहानी है आम आदमी की कार की, ये कहानी है सपनों की कार की.
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बड़े बेटे संजय गांधी का सपना था कि कार मध्यमवर्ग के लोगों की सवारी बने. संजय गांधी चाहते थे कि कम खर्च वाली इस कार का निर्माण भारत में ही किया जाए. 1971 में कंपनी अधिनियम के तहत मारुति उद्योग लिमिटेड का निर्माण किया गया और जिसके पहले मैनेजिंग डॉयरेक्टर संजय गांधी बने. आप तक छोटी और बेहतरीन कारें पहुंचाने के लिए मारुति को कई पड़ावों से गुजरना पड़ा. दो साल से ज़्यादा का समय तो सिर्फ सरकार की मंजूरी में लगा.
फिर एक अच्छे पार्टनर की तलाश में कंपनी ने दुनिया भर के बाजारों को छाना. और फिर मारुति मिला सुजूकी मोटर का साथ. हालांकि सुज़ूकी मोटर से पहले मारुति की साझेदार के रूप में फॉक्सवैगन को चुना गया था. फॉक्सवैगन गोल्फ वो छोटी कार थी जो भारत में उतारी जानी थी. लेकिन वह भारत के हिसाब से कुछ ज्यादा महंगी पड़ रही थी.
देश में मारुति कारों की फैक्ट्री लगाने के लिए किसानों से ज़मीन अधिग्रहण विवाद और देश में इमरजेंसी ने आम आदमी के इस कार के काम की रफ्तार पर तकरीबन ब्रेक लगा दिया. 1977 में मारुति उद्योग लिमिटेड दिवालिया हो गई. जस्टिस एसी गुप्ता कमीशन ने ‘मारुति स्कैंडल’ की जांच कर 1978 में अपनी रिपोर्ट सौंपी. इसके तीन साल बाद इंदिरा गांधी की पहल पर कंपनी को दोबारा खड़ा करने की कोशिश हुई.
इस बार मारुति ने जो रफ्तार पकड़ी उसका नतीजा दिसंबर 1984 में नज़र आया जब आम आदमी की इस कार की चाबी तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हरपाल सिंह नाम के शख्स के हाथों में सौंपी. हरपाल सिंह मारुति कार के पहले मालिक बने. हालांकि मारुति फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर चाहते थे कि पहली मारुति 800 भगवान तिरुपति को भेंट दी जाए. लेकिन जापानी मालिकों ने उनकी गुज़ारिश ठुकरा दी. इसके बाद मजदूरों ने पैसा इकट्ठा कर मारुति 800 भगवान तिरुपति को अर्पित की गई.
1997 में सरकार ने मारुति का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया. हालांकि साल 2000 में कंपनी सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो चुकी है और अब मारुति सुजूकी कार बनाने वाली विश्व की सबसे बड़ी कंपनी बनने की ओर बढ़ रही है. भारत ही नहीं बल्कि एशिया के कई देशों की सड़कों पर मरुति कारें दौड़ रही हैं वो भी तेज़, बहुत तेज़.
कीमत पर है लोगों की नजर
जब से अल्टो 800 के आने की खबर लगी है, लोग इस कार का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं. सब इस कार को मारुति 800 से जोड़कर देख रहे हैं. हालांकि इस कार में सिर्फ 800 का नाम ही है वरना इसके फीचर्स तो मौजूदा छोटी कारों को भी पछाड़ रहे हैं.
भारत की सबसे ब़डी कार निर्माता कंपनी इन दिनों अपनी सबसे पहली कार मारुति 800 के नए वर्जन को तैयार करने में जुटी है. कंपनी के पोर्टफोलियो में मारुति 800 अब तक की सबसे चर्चित कार है. कंपनी अब इसे ऑल्टो 800 के नाम से नए रंग-रूप में बाजार में पेश करने वाली है. माना जा रहा है कि दिवाली या इस साल के आखिर तक आने वाली इस कार की कीमत महज़ 2 से ढाई लाख रुपये के आस-पास होगी.
जानें क्या होगा नई ऑल्टो 800 में खास
मारुति की इस नई कार की हाल ही में तस्वीरें भी लीक हुई हैं. इन तस्वीरों में कार को बेहतर लुक और इंटीरियर के साथ दिखाया गया है. जल्द ही लॉन्च होने वाली इस ऑल्टो 800 में आखिर कौन सी खूबियां हैं जो इसे बाकी कारों से अलग बनाएगी. आखिर दो-दो पापुलर कारों को आपस में मिलाकर बनाई गई इस कार में दम है कि नहीं आइए जानते है.
कार एक्सपर्ट टूटू धवन के अनुसार, 'देखिए ये गाड़ी उन्होंने पूरी तरह से बदल दी है. इंटीरियर बदला गया है, गाड़ी को नया लुक दिया गया है. क्यों अल्टो को पिछले 8 सालों से देख-देखकर बोर हो गए थे. तो अब ये चेंज के साथ जो गाड़ी आई है. तो लोगों में एक्साइटमेंट नज़र आ रही है.' सबसे पहले बात करते हैं कीमत की. ज़ाहिर है आप भी सबसे पहले इस कार की कीमत ही जानना चाहते होंगे. कीमत के मामले में मारुति ऑल्टो 800 से लोगों को काफी उम्मीदें हैं. क्योंकि बढ़ती मंहगाई लोगों कम से कम ये उम्मीद कर रहे हैं कि अगर इस कार के साथ 800 का नाम जोड़ा गया है तो इसकी कीमत भी आम आदमियों के हिसाब से ही होनी चाहिए.
पहले इस कार की कीमत 2 लाख के आस-पास मानी जा रही थी. लेकिन कंपनी ने बढ़ती लागत का हवाला देते हुए इस कार को ढाई लाख रुपये के आसपास रखने की बात कर रही है. पेट्रोल औऱ सीएनजी दोनों वर्ज़न में उतर रही अल्टो 800 माइलेज के मामले में भी सबसे आगे रहने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि अल्टो 800 के पेट्रोल वर्जन का माइलेज 23 किमी/लीटर और सीएनजी वर्ज़न में 30 किमी प्रति किलो होगा. इस तरह नई अल्टो पुरानी अल्टो से 15 फीसदी ज़्यादा मायलेज देगी.
कम कीमतों का असर इस कार की स्टाइलिश फीचर पर बिलकुल नहीं पड़ा है. इस कार में स्मॉल फ्रंट ग्रिड और पुल्डबैक हैडलैंप दिया गया है. साथ ही कंपनी ने इस कार में हैक्सोजोनल आकार में लोअर ग्रिल भी लगाया है जो कि इस स्मॉल कार के लुक को बेहतर बनाने का काम करती है. साइड लुक के मामले में भी ऑल्टो 800 का लुक पुरानी कार से एकदम अलग है. साइड से ए-स्टार की तरह दिखने वाली इस कार का मॉडल काफी हद तक कंपनी की ए-स्टार से ही मिलता है. वहीं इसकी विंडो और साइड लाइन भी ए-स्टार की ही तरह है. कंपनी ने इस कार की ऊंचाई को बढ़ाकर ऑल्टो की छोटी छत वाली कमी को भी दूर करने का कोशिश की है.
स्पेस की बात की जाए तो भी ऊंचाई के अलावा ऑल्टो 800 को पिछला हेडरूम भी काफी स्पेस वाला है. ऐसे में पीछे बैठने वालों को पैर फैलाने को मौका मिलेगा. कंपनी की इस कार में न्यू लुक विंडसीट और टेल लैंप क्लस्टर काफी आकर्षक है. 800 सीसी वाली इस कार का फ्रंट कुछ हद तक पुरानी स्विफ्ट की तरह लगता है.
इंटीरियर के मामले में कंपनी ने कोई कंप्रोमाइज़ नहीं किया है. मारुति ऑल्टो 800 पूरी तरह से पुरानी कार से अलग है. कंपनी ने इसके डैशबोर्ड को पूरी तरह से बदला है. वहीं, इसका स्टीयरिंग व्हील और गियर शिफ्टर काफी हद तक इऑन से मिलता-जुलता है. न्यू ऑल्टो 800 में 796 सीसी का इंजन लगाया गया है. वहीं इसका बीएस 4 वैरिएंट का एफ-8डी इंजन कार को 46 बीएचपी पावर देने के साथ-साथ बेहतर रेसिंग भी मुहैया करायेगा.
(रिचा रावत/अमित कुमार/शरत कुमार/पंकज खेलकर)