प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सदन के नेता प्रणव मुखर्जी ने लोकसभा में वर्ष 2011-12 का रेल बजट पेश करने के बाद रेल मंत्री ममता बनर्जी को जहां बधायी दी और उनकी पीठ थपथपाई वहीं विभिन्न दलों के सदस्यों ने ‘दीदी दीदी’ कहकर उन्हें घेर लिया.
ममता ने काफी टोकाटोकी के बीच करीब सवा 12 बजे अपना रेल बजट पढ़ना शुरू किया और उनका बजट भाषण करीब पौने दो घंटे चला. इस दौरान उन्हें विपक्षी राजग के सदस्यों के विरोध का सामना करना पड़ा.
जैसे ही भाषण समाप्त हुआ, सोनिया गांधी ने खड़े होकर ममता की पीठ थपथपाई. इसी बीच विभिन्न दलों के सदस्यों ने ममता बनर्जी को ‘दीदी, दीदी’ कहते हुए घेर लिया और अपनी अपनी मांगों के संबंध में पर्चियां थमाने लगे.
इस दौरान प्रणव दा ने भी आकर ममता की पीठ थपथपाई और उन्हें बधायी दी. भाजपा के वरिष्ठ नेता हरेन पाठक भी ममता को बधायी देने पहुंचे और सबसे पहले उन्होंने ही दीदी की पीठ थपथपाई.
इसी शोरशराबे के बीच सोनिया गांधी ने ममता का ध्यान प्रधानमंत्री की ओर दिलाया जो रेल मंत्री को बधाई देने के लिए अपनी सीट से उठकर आगे आए थे और सदस्यों के पीछे खड़े थे.{mospagebreak}
सोनिया गांधी ने सदस्यों की मांगें सुनने में व्यस्त ममता का ध्यान कांग्रेसी सदस्य राज बब्बर की ओर भी दिलाया और रेल मंत्री से कहा कि इनकी बात भी सुनो.
राज बब्बर भाषण के बीच में अपने क्षेत्र की उपेक्षा किए जाने से आक्रोशित हो गए थे. इस बीच सोनिया ने अपनी मांगें लेकर उमड़े सदस्यों से कहा भी, ‘अरे आराम से, आराम से.’ सदन में यह नजारा कार्यवाही स्थगित होने के बाद का था. कई मिनट बाद सोनिया गांधी ने सदस्यों से घिरी ममता बनर्जी का बचाव करते हुए कहा, ‘अब उन्हें जाने दीजिए.’