प्रणव मुखर्जी ने जब देश के बजट का पिटारा खोला तो लोगों को उम्मीद थी कि महंगाई से राहत के लिए टैक्स में बड़ी राहत का कोई ऐलान होगा. लेकिन वित्त मंत्री के पिटारे में टैक्स की राहत का जो एलान है, वो वैसे ही है जैसे ऊंट के मुंह में जीरा. प्रस्ताव से जितनी राहत मिली है, हर दिन उससे ज्यादा तो महंगाई बढ़ रही है.
महंगाई को लेकर लगातार आलोचना झेल रही सरकार ने बजट में आयकर छूट सीमा बढकर 1.80 लाख रुपये कर आम आदमी को कुछ राहत देने का प्रयास किया. हालांकि, महिलाओं के मामले में 1.90 लाख रुपये की छूट सीमा को बरकरार रखा गया है.
वित्त मंत्री ने 80 वर्ष अथवा इससे अधिक आयु के बुजुर्गों पर विशेष मेहरबानी दिखाते हुये उनकी पांच लाख रुपये तक की सालाना आय को करमुक्त कर दिया और दूसरी तरफ 65 के बजाय 60 साल के नागरिकों को वरिष्ठ नागरिक का दर्जा देते हुये उनकी ढाई लाख रुपये तक की आय करमुक्त रखने की घोषणा की.
लोकसभा में वर्ष 2011-12 का आम बजट पेश करते हुये वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने हवाई यात्रा, होटल में ठहरने और वातानुकूलित रेस्तरां में खाने के साथ मदिरापान को सेवाकर के दायरे में लाते हुये उसे महंगा कर दिया. वित्त मंत्री ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की दिशा में कदम बढाते हुये 130 वस्तुओं पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगा दिया. हालांकि, खाद्य पदार्थों और ईंधन को इस वृद्धि से अलग रखा गया है. {mospagebreak}
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में हुये फेरबदल के बाद निवल 200 करोड रुपये के राजस्व नुकसान वाले इस बजट के विभिन्न प्रावधानों से मोबाइल हैंडसेट, एलईडी टेलीविजन, जेवरात, फ्रिज, कृषि मशीनरी, कागज, सीमेंट, बैटरी से चलने वाली गांडियां और सौर उर्जा उपकरण सस्ते होंगे तो कंप्यूटर, लैपटॉप, रेडीमेड कपड़े, सीडी और हवाई यात्रा महंगी होगी.
सेवाकर के दायरे में आने से 25 बिस्तरों से अधिक क्षमता वाले वातानुकूलित अस्पतालों में इलाज करवाना और 1000 रुपये प्रतिदिन से अधिक किराये वाले होटल में ठहरना भी महंगा होगा.
व्यक्तिगत आयकर स्लैब में ताजा फेरबदल के बाद 1.80 लाख से पांच लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत, पांच से लेकर आठ लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत तथा आठ लाख से अधिक की सालाना आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर देय होगा. महिलाओं के मामले में 1.90 लाख रुपये, 60 साल के वरिष्ठ नागरिकों की ढाई लाख और 80 वर्ष अथवा इससे अधिक आयु के बडे बुजुर्गों की पांच लाख रुपये तक की सालाना आय कर मुक्त होगी. {mospagebreak}
वित्त मंत्री ने बचतपत्र, जीवन बीमा, पांच साल की बैंक एफडी सहित विभिन्न बचत योजनाओं में एक लाख रुपये तक के निवेश पर कर छूट लाभ देने के अलावा ढांचागत क्षेत्र के बाँडपत्र में 20,000 रुपये के अतिरिक्त निवेश पर कर छूट का लाभ इस साल भी जारी रखा है. कंपनियों को भी कर में कुछ रियायत दी गई है.
कंपनी कर पर अधिभार को 7.5 से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया लेकिन दूसरी तरफ न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) के दायरे में आने वाली कंपनियों का कर 18 प्रतिशत से मामूली बढाकर 18.5 प्रतिशत कर दिया. कंपनी कर देनदारी में समानता लाने के लिहाज से वित्त मंत्री ने विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) के डवलपर्स, बिल्डर्स और सेज में कार्यरत इकाईयों को भी मैट दायरे में लाने की घोषणा की है. {mospagebreak}
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2010-11 में उन्हें 3जी स्पेक्ट्रम नीलामी में उम्मीद से अधिक राशि मिलने के कारण राजकोषीय घाटे को बजट अनुमान से कम रखने का मौका मिला. हालांकि, इसमें से ढांचागत और सामाजिक क्षेत्र की सब्सिडी पर अतिरिक्त 50,000 करोड रुपये जारी करने पड़े. इसके बावजूद राजकोषीय घाटा 5.5 प्रतिशत के बजट अनुमान से कम होकर 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिहं ने 2011-12 के आम बजट को राजकोषीय मजबूती वाला बजट बताया. उन्होंने कहा बजट से आम आदमी पर कर बोझ कम होगा और देश की आर्थिक वृद्धि के रास्ते में आने वाली चुनौतियों का मुकाबला किया जा सकेगा. मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने आम बजट को दिशाहीन बताया और कहा कि इससे आम आदमी, महिलाओं और युवाओं को निराशा हुई है. {mospagebreak}
विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा, ‘वित्त मंत्री ने बजट में लोगों को आंकडों के जाल में उलझाने की कोशिश की है. इसमें बेरोजगारी, महंगाई का कोई उल्लेख नहीं है और लगता है सरकार इसे समस्या नहीं मानती.’
हालांकि, शेयर बाजार ने कंपनियों के कर अधिभार में ढाई प्रतिशत की कमी, कंपनी बाँडपत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों का निवेश बढाने जैसी घोषणाओं को सकारात्मक तरीके से लिया. इससे बंबई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक एक समय 600 अंक उछल गया. हालांकि, कारोबार की समाप्ति पर यह पिछले दिन की तुलना में 122.49 अंक बढकर 17,823.40 अंक पर बंद हुआ. {mospagebreak}
वित्त मंत्री के प्रत्यक्ष करों में बदलाव से जहां 11,500 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा वहीं नई सेवाओं पर कर लगाने से 4,000 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति सहित अप्रत्यक्ष करों में बदलाव से 11,300 करोड़ रुपये की प्राप्ति होगी. कुल मिलाकर निवल 200 करोड़ की राजस्व हानि इन प्रस्तावों से होगी.
कई राज्यों में मूल्यवर्धित कर (वैट) की न्यूनतम दर चार से बढ़ाकर पांच प्रतिशत कर दिये जाने के बाद वित्त मंत्री ने केन्द्रीय उत्पाद शुल्क की निम्न दर भी चार से बढ़ाकर पांच प्रतिशत कर दी. इससे टॉफी, बिस्कुट, पेस्ट्री केक, स्टार्च, कागज, कपड़ा सामान, दवायें और चिकित्सा उपकरण महंगे हो जायेंगे.
10 प्रतिशत अनिवार्य उत्पाद शुल्क लगने से सिलेसिलाये कपड़े और ब्रांडेड कपडे महंगे हो जायेंगे. कंप्यूटर के माइक्रो प्रोसेसर्स, फ्लोपी और हार्ड डिस्क, सीडी रोम ड्राइव, डीवीडी ड्राइव और राइटर्स पर उत्पाद शुल्क छूट वापस लेने से ये महंगे हो जायेंगे हालांकि इनपर रियायती पांच प्रतिशत की दर से शुल्क लगेगा.