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आरबीआई ब्‍याज दरों में कर सकता है कटौती

आरबीआई आज दरों में कटौती के बड़े ऐलान कर सकता है. आरबीआई कुछ दरों में कटौती कर बाजार को चौंका सकता है.

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आरबीआई
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आरबीआई आज दरों में कटौती के बड़े ऐलान कर सकता है. आरबीआई कुछ दरों में कटौती कर बाजार को चौंका सकता है.

डीजल के दाम बढ़ाने और रिटेल में FDI के बाद सरकार को आरबीआई से उम्मीद है कि वो विकास की रफ्तार तेज करने के लिए रियायतों का एलान कर सकती है.

थोक मूल्य पर आधारित देश की मुख्य महंगाई दर अगस्त में 7.55 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि इसके पहले के महीने में यह 6.87 प्रतिशत थी. आरबीआई चार-पांच प्रतिशत मुद्रास्फीति को उचित मानता है.

पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी घटाने की दिशा में एक बड़े कदम के तहत सरकार ने पिछले सप्ताह डीजल के मूल्य में पांच रुपये प्रति लीटर वृद्धि की घोषणा की. यह कदम बढ़ रहे राजकोषीय घाटे को कम करने और साख रेटिंग्स को नीचे जाने से रोकने के लिए है.
डीजल कीमतों का एक व्यापक असर होगा और आने वाले महीनों में महंगाई दर और बढ़ सकती है.

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प्राइसवाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) के कार्यकारी निदेशक संजीव कृष्ण ने कहा कि डीजल मूल्य वृद्धि के कारण अल्प अवधि में महंगाई बढ़ेगी.
कृष्ण ने कहा कि आरबीआई सोमवार को यथास्थिति बनाए रख सकता है और अगली नीतिगत समीक्षा के दौरान दरों में कटौती कर सकता है.

31 जुलाई को घोषित मौद्रिक नीति की प्रथम तिमाही समीक्षा में आरबीआई ने रेपो दर को आठ प्रतिशत पर और रिवर्स रेपो दर को सात प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा था. रेपो दर वह दर होती है, जिसपर आरबीआई व्यावसायिक बैंको को ऋण देता है, जबकि रिवर्स रेपो दर वह दर होती है, जिसके आधार पर वह व्यावसायिक बैंकों की जमा राशि पर ब्याज देता है.

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