नकदी संकट से जूझ रही रेलवे ने वित्त मंत्रालय से आगामी आम बजट में 40,000 करोड़ रुपये के बजटीय सहयोग की मांग की है. यह राशि इस बार के आम बजट में रेलवे के लिए किए गए सकल आवंटन के दो गुने से भी अधिक है.
रेलवे ने वित्त मंत्रालय से वर्ष 2011-12 के लिए 39,600 करोड़ रुपये की सकल बजट सहायता की मांग की है. पिछले आम बजट में इस मद में 15,875 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया था. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमने विभिन्न परियोजनाओं तथा रेल ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए 39,600 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता मांगी है.’
लागत बढ़ने तथा वेतन आयोग की सिफारिशों की वजह से बोझ बढ़ने से रेलवे का आंतरिक संसाधनों में कमी आई है. रेलवे का इरादा कोच, वैगनों और इंजनों का उत्पादन बढ़ाने का है. वर्ष 2009-10 में 3,500 कोचों का उत्पादन हुआ था, जो 2010-11 में बढ़कर 3,700 पर पहुंच गया है.
अधिकारी ने कहा, ‘2011-12 में हमारा 4,000 कोचों के विनिर्माण का लक्ष्य है. इसी तरह 18,000 वैगन तथा 500 इंजनों का विनिर्माण अगले वित्त वर्ष में किया जाएगा.’ रेलवे ने अगले दस साल में 1,000 किलोमीटर की रेल लाइन बिछाने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए उसे और धन की जरूरत होगी.