आम बजट को ‘प्रगतिशील’ और ‘संतुलित’ करार दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि बजट में विदेशी संस्थागत निवेशकों को प्रवाह बढ़ाने, सुधारों का खाका और राजकोषीय घाटे में कमी के प्रस्ताव निवेशकों को खुश करने वाले हैं."/> आम बजट को ‘प्रगतिशील’ और ‘संतुलित’ करार दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि बजट में विदेशी संस्थागत निवेशकों को प्रवाह बढ़ाने, सुधारों का खाका और राजकोषीय घाटे में कमी के प्रस्ताव निवेशकों को खुश करने वाले हैं."/> आम बजट को ‘प्रगतिशील’ और ‘संतुलित’ करार दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि बजट में विदेशी संस्थागत निवेशकों को प्रवाह बढ़ाने, सुधारों का खाका और राजकोषीय घाटे में कमी के प्रस्ताव निवेशकों को खुश करने वाले हैं."/>
शेयर बाजार के विशेषज्ञों ने सोमवार को पेश आम बजट को ‘प्रगतिशील’ और ‘संतुलित’ करार दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि बजट में विदेशी संस्थागत निवेशकों को प्रवाह बढ़ाने, सुधारों का खाका और राजकोषीय घाटे में कमी के प्रस्ताव निवेशकों को खुश करने वाले हैं.
बजट पेश होने के साथ ही सेंसेक्स में जोरदार उछाल दर्ज हुआ जबकि बंबई शेयर बाजार के 30 प्रमुख शेयरों पर आधारित सेंसेक्स में इस साल के शुरू से 13. 69 प्रतिशत की गिरावट आ गयी थी. विभिन्न क्षेत्रों के शेयरों में लिवाली से आज 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 595. 62 अंक की बढ़त के साथ 18,296. 53 अंक पर पहुंच गया.
एसबीआई म्यूचुअल फंड के सीआईओ नवनीत मुनोत ने कहा, ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड में विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश की सीमा बढ़ाने तथा विदेशी निवेशकों को घरेलू म्यूचुअल फंड्स में सीधे निवेश की अनुमति पूंजी खाते में सुधार की दिशा में मजबूत कदम हैं.’
इस साल शेयर बाजार के निवेशक काफी बेचैन रहे हैं. पर बजट दलाल पथ की उम्मीदों से बेहतर रहा है कि जिससे निवेशक काफी खुश हैं. शेयरखान के अनुसंधान प्रमुख गौरव दुआ ने कहा, ‘वित्त मंत्री विकास को बढ़ाने वाला बजट पेश करने में सफल रहे. उन्होंने सब्सिडी के वितरण, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकषिर्त करने, बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की दिशा में प्रगतिशील नीतिगत कदम उठाने का संकेत दिया है.’’ दुआ ने कहा कि कुल मिलाकर यह बजट उम्मीदों से अच्छा रहा है.{mospagebreak}
विश्लेषकों ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा महंगाई और राजकोषीय घाटे से निपटने की चिंता को निवेशकों का समर्थन मिला है. एसएमसी के रणनीतिज्ञ और अनुसंधान प्रमुख जगन्नधाम थुनुगुंटला ने कहा, ‘3जी स्पेक्ट्रम की बिक्री से जो अतिरिक्त आमदनी हुई है उससे सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 5. 1 प्रतिशत पर लाने में सफल रहेगी.
आगामी दो-तीन वर्ष में राजकोषीय घाटा कम करने के लिए जो खाका बना है, वह वैश्विक निवेशकों और पूंजी बाजार के लिए काफी उत्साहवर्धक है.’ हालांकि, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच का कहना है कि सरकार का अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा कम कर सकल घरेलू उत्पाद के 4. 6 फीसद पर लाने का लक्ष्य पाना आसान नहीं होगा.
फिच ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष में सरकार को 3जी और ब्रॉडबैंड वायरलेस एक्सेस (बीडब्ल्यूए) स्पेक्ट्रम से अतिरिक्त आमदनी का लाभ नहीं मिलेगा. विश्लेषकों का कहना है कि उत्पाद शुल्क में वृद्धि न करने का फैसला एक निर्भीक कदम है और इससे पता चलता है कि वित्त मंत्रालय की उम्मीद विकास पर टिकी हैं.
बोनान्जा पोर्टफोलियो के इक्विटी प्रमुख अविनाश गुप्ता ने कहा, ‘बजट से पहले बाजार काफी घबराया हुआ था. उसे एक कड़े बजट की आशंका थी. वित्त मंत्री ने किसी भी नए कर या शुल्क की घोषणा न कर बाजार को काफी राहत दी है.’