उद्योग जगत के ज्यादातर दिग्गजों का मानना है कि अगले वित्त वर्ष में देश 7 फीसद की आर्थिक वृद्धि दर हासिल कर सकता है. उद्योग मंडल एसोचैम के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है.
एसोचैम के विश्वास सूचकांक के अनुसार, 'इस वित्त वर्ष में कमजोर दिवाली के बाद 2013-14 के त्योहारी सीजन में निश्चित रूप से विनिर्माण तथा निर्यात क्षेत्र की वृद्धि दर बढ़ने से चमक देखने को मिलेगी.' सर्वेक्षण में विभिन्न क्षेत्रों के 171 मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) को शामिल किया गया. इसमें से ज्यादातर की राय है कि उद्योग जगत के विभिन्न क्षेत्रों को अपने बही खाते के दुरुस्त करने में कम से कम छह माह का समय लगेगा और उसके बाद वे वृद्धि की राह पर अग्रसर होंगे. यह विश्वास सूचकांक 7 नवंबर को समाप्त दो सप्ताह के दौरान तैयार किया गया है.
सर्वेक्षण में शामिल 61 फीसद सीईओ ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में 7 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करना व्यावहारिक है. घरेलू मांग बढ़ने की वजह से उन्हें भारतीय बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का पूंजी प्रवाह बढ़ने की भी उम्मीद है.
एसोचैम के अध्यक्ष राजकुमार एन धूत ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में आंकड़े बेहतर दिखाई देंगे. उन्होंने कहा, 'इसकी एक वजह चालू वित्त वर्ष का कमजोर आधार प्रभाव होगा. इसके अलावा पश्चिमी बाजारों की स्थिति में भी अगले छह माह में सुधार होगा, क्योंकि उनके केंद्रीय बैंक उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं.'