आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी को चोरी होने को लेकर छापी गई खबर के बाद हड़कंप मच गया है. विवाद के बाद UIDAI की ओर से दिल्ली पुलिस में खबर करने वाली पत्रकार रचना खेड़ा पर एफआईआर दर्ज की गई थी. हालांकि, अब इस मामले में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार मीडिया की आज़ादी के पक्ष में है, जो एफआईआर दर्ज की गई है वह अज्ञात व्यक्ति के नाम पर दर्ज की गई है.
आपको बता दें कि अंग्रेजी अखबार 'द ट्रिब्यून' की रिपोर्टर रचना खेड़ा ने अपनी रिपोर्ट में यह उजागर किया था कि किस तरह चंद रुपयों के लिए करोड़ों आधार कार्ड की जानकारी को बेचा जा रहा है. इस खबर के बाद से ही लगातार आधार की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे थे. यूआईडीएआई की ओर से अखबार और रिपोर्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की आलोचना की जा रही थी.
हालांकि, सोमवार सुबह दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक ने कहा था कि आधार कार्ड से जुड़ी खबर पर एक अखबार के पत्रकार के खिलाफ जो मामला दर्ज हुआ है वह UIDAI से एक शिकायत आई थी जिस पर मामला दर्ज हुआ है. जांच जारी है, जांच अभी शुरुआती दौर में ही चल रही है.
रविशंकर ने क्या किया ट्वीट
रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर कहा कि सरकार प्रेस की आजादी के लए तत्पर है और आधार की सुरक्षा पर भी नज़र बनाए हुए है. जो एफआईआर दर्ज की गई है, वह अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ है. हमने UIDAI को कहा है कि वह अखबार ट्रिब्यून से और रिपोर्टर से खबर से जुड़े सभी तथ्य हासिल करे. और अधिकारियों की जांच करें.
एफआईआर दर्ज होने पर पत्रकार ने कहा- मैं खुश हूंGovt. is fully committed to freedom of Press as well as to maintaining security & sanctity of #Aadhaar for India's development. FIR is against unknown. I've suggested @UIDAI to request Tribune & it's journalist to give all assistance to police in investigating real offenders.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) January 8, 2018
वहीं, मामला सामने आने के बाद 'दि ट्रिब्यून' की पत्रकार रचना खेड़ा का कहना है कि इस पूरे प्रकरण पर उन्हें खुशी है. दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर का सामना करने वाली रचना ने कहा, "मैं मानती हूं कि एफआईआर दर्ज होने से मुझे कुछ 'हासिल' हुआ है. मुझे इस बात की खुशी है कि UIDAI ने मेरी रिपोर्ट पर एक्शन लिया, मुझे इस एफआईआर के बाद से कुछ उम्मीद जगी है." उन्होंने कहा, "भारत सरकार अब इस संबंध में हर तरह से सेंध लगाने के मामलों की जांच करेगी और कड़े एक्शन लेगी."
पत्रकार रचना खेड़ा की ओर 'द ट्रिब्यून' ने दावा किया था कि उसने एक व्हाट्सएप ग्रुप से मात्र 500 रुपए में आधार का डाटा हासिल करने वाली सर्विस खरीदी और उनको करीब 100 करोड़ आधार कार्ड का एक्सेस मिल गया. अखबार ने कहा कि इस दौरान उनको लोगों के नाम, पता, पिन कोड, फोटो, फोन नंबर और ईमेल आईडी की जानकारी मिली थी.
अखबार के मुताबिक उनकी तहकीकात में उन्हें एक एजेंट के बारे में पता लगा. जिसके बाद एजेंट ने केवल 10 मिनट में ही एक गेटवे दे दिया और लॉग-इन पासवर्ड दिया. उसके बाद उन्हें सिर्फ आधार कार्ड का नंबर डालना था और किसी भी व्यक्ति के बारे निजी जानकारी आसानी से मिल गई.
इसके बाद 300 रुपये अधिक देने पर उन्हें उस आधार कार्ड की जानकारी को प्रिंट करवाने का भी एक्सेस मिल गया. इसके लिए अलग से एक सॉफ्टवेयर था. अखबार ने कहा कि इस दौरान उनको लोगों के नाम, पता, पिन कोड, फोटो, फोन नंबर और ईमेल आईडी की जानकारी मिली थी.