जीएसटी कॉन्क्लेव के तीसरे सत्र इंडिया ट्रिस्ट विद टैक्स में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी देश हित में एक बहुत बड़ा सुधार है लिहाजा, जो लोग इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं वह पीछे छूट रहे हैं क्योंकि यह कारवां अब आगे ही बढ़ेगा. इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे टीवी के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल ने किया.
अरुण जेटली ने कहा कि सब कुछ केंद्र ने तय नहीं किया है, इसे 31 राज्य सरकारों और केंद्र सरकार ने साथ में हर फैसला किया है. सभी काउंसिल बैठकों की रिकॉर्डिंग हमारे पास है. हमने हर विषय पर सर्वसम्मति से फैसला लिया. इसलिए मैंने सभी विपक्षी पार्टियों से कहा है कि आपने हर जगह पर इसपर साथ दिया है, जश्न में शामिल होना चाहिए था.वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों से माल एवं सेवाकर जीएसटी प्रणाली के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने के फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की है. जेटली ने कहा है कि जीएसटी व्यवस्था सभी के संयुक्त प्रयास का परिणाम है और वह अब इससे अलग नहीं हो सकते हैं. हालांकि यदि कोई पार्टी इसके विरोध में अमादा है तो उन्हें यह समझना चाहिए कि अब यह कारवां रुकेगा नहीं और केन्द्र सरकार सफलता पूर्वक देश का नया ढ़ांचा लागू करेगी.
राहुल कंवल ने वित्त मंत्री से जीएसटी की तैयारी पर सवाल करते हुए पूछा कि आखिर क्यों यह बात उठ रही है कि केन्द्र सरकार आधी-अधूरी तैयारी के साथ जीएसटी लागू करने जा रही है. वित्त मंत्री ने कहा कि आम धारणा यह है कि किसी देश में आर्थिक बदलाव या सुधार में हमेशा निजी क्षेत्र आगे रहता है. लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि निजी क्षेत्र की तैयारी से कहीं ज्यादा केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें तैयारी कर चुकी है.
लिहाजा जेटली ने विपक्षी दलों से कहा कि वह इस मामले में जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुये आगे आयें. वह ऐसे फैसले से अपने को अलग नहीं कर सकते हैं जिसमें वह भागीदार रहे हैं. जेटली ने कहा की जीएसटी देश की आजादी के बाद होने वाला सबसे बड़ा कर सुधार है.
GST तैयारी में सरकार अव्वल
राहुल कंवल ने जेटली से पूछा कि क्या सरकार दुनिया के उन देशों से सबक लेने की तैयारी कर चुकी है जिसने भारत से पहले जीएसटी लागू किया. सवाल का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि दुनिया के बाकी देशों में जीएसटी की शुरुआत और भारत में एक बड़ा मूल अंतर है. जिन देशों ने भारत से पहले जीएसटी लागू किया उन सभी देशों में आम नागरिक और कारोबारी अपना टैक्स अदा करते हैं. वहीं भारत में टैक्स के लिए रवैया लचर है और टैक्स चोरी बहुत बड़ा मुद्दा है.
टैक्स अदा करने की आदत जरूरी
जेटली ने कहा कि जीएसटी में एक दर्जन से अधिक केन्द्रीय और राज्य स्तरीय कर समाहित होंगे. इसके लागू होने से पूरा देश एक साझा बाजार बन जायेगा. जेटली ने बताया कि देश में महज 80 लाख लोग इनडायरेक्ट टैक्स अदा करते हैं. वहीं कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में टैक्स अदा करने वालों की संख्या बहुत अच्छी है. लिहाजा, जीएसटी का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के सहारे देश में टैक्स चोरी पर पूरी तरह से लगाम लगाने में मदद मिलेगी और टैक्स बेस में अच्छा इजाफा देखने को मिलेगा.
कश्मीर में उपभोक्ता को होगा बड़ा नुकसान
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जम्मू कश्मीर एक मात्र राज्य है जिसने अभी तक अपना कानून तैयार नहीं किया है. हालांकि वह कानून पारित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. जेटली के मुताबिक कश्मीर में सरकार के साथ-साथ विपक्ष और आम आदमी को यह समझना चाहिए कि जीएसटी में पीछे छूट जाने पर उनके लिए गंभीर चुनौती खड़ी हो जाएगी. कश्मीर में किसी प्रोडक्ट को ले जाने में दो बार टैक्स अदा करना होगा. पहला, जीएसटी होगा और दूसरा राज्य का अपना टैक्स. इसके चलते उपभोक्ता के लिए कीमत का अंदाजा आप लगा सकते हैं. वहीं जम्मू-कश्मीर में बनने वाले प्रोडक्ट देश के बाकी हिस्सों में पहुंचाने के लिए भी दो बार टैक्स अदा करना होगा. लिहाजा, जम्मू-कश्मीर को भी चाहिए कि वह जल्द से जल्द जीएसटी को लागू करने की तैयारी पूरी कर लें.
जेटली ने दलील दी कि केन्द्र सरकार के साथ देश में सभी राज्य सरकारें कई दिनों से जीएसटी को लागू करने की तैयारी में जुटी हैं. वहीं विपक्ष द्वारा विरोध के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने एक बार फिर अपील की कि इस मौके पर सभी राजनीतिक दलों को विशेष सत्र में मौजूद रहना चाहिए.