प्याज के बढ़ते दाम को काबू में रखने के लिए सरकार द्वारा प्याज का आयात करने के फैसले को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 1.2 लाख टन प्याज के आयात के सरकार के फैसले को मंजूरी दी.
मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी मीडिया को देते हुए बुधवार को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 1.2 लाख टन प्याज आयात को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है.
गौरतलब है कि मानसून सीजन के आखिर में हुई भारी बारिश के कारण प्याज की फसल को नुकसान होने से देश में प्याज के दाम में भारी वृद्धि हुई है. देश की राजधानी दिल्ली में बुधवार को भी प्याज के थोकभाव में 10-15 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी दर्ज की गई.
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने इसी महीने देश में प्याज की उपलब्धता बढ़ाकर इसकी कीमतों को काबू में रखने के मकसद से एक लाख टन प्याज का आयात करने की घोषणा की थी. विदेश व्यापार करने वाली केंद्र सरकार की कंपनी एमएमटीसी 4,000 टन प्याज का आयात करने के लिए टेंडर भी जारी कर चुकी है.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, दिल्ली की आजादपुर मंडी में बुधवार को प्याज का थोक भाव 40-60 रुपये प्रति किलो था. मंडी के एक कारोबारी ने बताया कि आवक में कमी के कारण प्याज के भाव में पिछले सत्र के मुकाबले 10-15 रुपये प्रति किलो का इजाफा हुआ.
दिल्ली-एनसीआर में प्याज का खुदरा भाव 60-80 रुपये प्रति किलो था. कुछ दिन पहले देश की राजधानी में प्याज का खुदरा भाव 100 रुपये प्रति किलो तक हो गया था.
क्यों है प्याज की कीमत आसमान पर
बेमौसम की बारिश की वजह से प्याज की फसल को भारी नुकसान हुआ है. अक्टूबर और नवंबर में भारी बारिश की वजह से नासिक, अहमदनगर और पुणे में प्याज की फसल को काफी नुकसान हुआ है. व्यापारियों ने कीमतों में और बढ़ोतरी होने की आशंका व्यक्त की है. ज्यादातर किसान अपना पुराना स्टॉक ही बेच रहे हैं.
नया प्याज बारिश की वजह से खराब हो गया है. लिहाजा प्याज उत्पादक किसानों का कहना है कि प्याज के पुराने स्टॉक की कीमत अधिक होगी. वैसे भी पिछले साल प्याज का उत्पादन कम हुआ था. होलसेल मार्केट में पिछले 3 महीनों के दौरान प्याज की कीमतों में 4 गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
किन देशों से आ सकती है प्याज
अफगानिस्तान, मिस्र, तुर्की और ईरान स्थित भारतीय मिशनों को भारत को प्याज की आपूर्ति के लिए कहा गया है. प्याज के आयात का निर्णय लिया जाना इसकी घरेलू उपलब्धता पर्याप्त न होने का संकेत है. सरकार महाराष्ट्र एवं अन्य दक्षिणी राज्यों से उत्तर भारत में प्याज की आपूर्ति का प्रयास कर रही है.