अगर सरकारी प्रयासों का असर आगे भी जारी रहा, तो शायद अब प्याज आपको ज्यादा दिनों तक नहीं रुला पाएगा. अफगानिस्तान से आयातित प्याज के बाजार में आ जाने से प्याज की थोक कीमतें शनिवार को प्रति किलो 10 रुपये तक नीचे आ गईं.
प्याज की कीमतों में कमी की एक वजह प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) का बढा़या जाना भी बताया जा रहा है. सरकार ने गुरुवार को ज्याज का (एमईपी) बढ़ाकर 900 रुपये प्रति टन कर दिया था. शनिवार को प्याज का थोक मूल्य प्रति किलो कुल 10 रुपये नीचे आकर 50 रुपया रह गया.
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री के.वी. थॉमस ने कहा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने दिल्ली सरकार को प्राथमिकता के साथ प्याज उपलब्ध कराने की पेशकश की है, ताकि राष्ट्रीय राजधानी में इसके दाम नीचे लाये जा सकें.
प्याज व्यापारी संघ के अध्यक्ष सुरेन्द्र बुद्धिराज ने कहा है कि अफगानिस्तान से प्याज की अतिरिक्त आवक शुरू होने से थोक बाजार में दाम 10 रुपये घटकर 50 रुपये किलो रह गये. व्यापारियों ने प्याज के दाम में आई गिरावट को नासिक की लासलगांव मंडी में आई गिरावट से भी जोड़कर देख रहे हैं, यहीं से पूरे देश में प्याज के दाम का रुख तय होता है.
व्यापारियों ने बताया कि अफगानिस्तान से करीब 1,500 से 2,000 क्विंटल प्याज की आवक दिल्ली के आजादपुर मंडी में हुई है. पंजाब के व्यापारियों ने अटारी-वाघा सीमा से अफगानिस्तानी प्याज का आयात शुरू किया है. अफगानिस्तान से 400 टन प्याज आया था और व्यापारियों का कहना है कि 2,000 टन और प्याज की आवक अगले एक सप्ताह के दौरान होगी.
शहर के मदर डेयरी केन्द्रों पर प्याज 60 रुपये किलो बिक रहा है. थोक बाजार में दाम घटने के बाद इनमें भी दाम कम होने लगेंगे. सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी से जब प्याज के ऊंचे दाम के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि प्याज के दाम में मौसमी उतार-चढाव रहता है, ऐसे में उम्मीद है कि सप्ताहभर में या जैसे ही आपूर्ति में सुधार होगा दाम स्थिर हो जायेंगे.