कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा पहली बार पूंजी बाजार में धन लगाए जाने की शुरुआत के बाद अब बाजार नियामक SEBI ने भी अन्य पेंशन फंडों के माध्यम से इसी तरह के निवेश का समर्थन किया है.
सेबी के चेयरमैन यूके सिन्हा ने ईपीएफओ द्वारा अपनी वृद्धि वाली जमाओं को पूंजी बाजार में लगाने के फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि अन्य पेंशन फंडों को भी बाजारों में निवेश पर विचार करना चाहिए.
सिन्हा ने कहा कि यह बहुत ही अच्छी बात है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने कोष में हर महीने बढ़ने वाली राशि का 5 फीसदी हिस्सा पूंजी बाजार में लगाने की शुरुआत की है. सबसे बड़े पेंशन फंड ईपीएफओ ने इस बारे में फैसला किया लेकिन कुछ अन्य सरकारी पेंशन फंड भी हैं.
कोल माइनर्स फंड तथा असम टी प्लांटर्स फंड का उदाहरण देते हुए सिन्हा ने कहा कि इस तरह के कोषों को भी अब पूंजी बाजारों में निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ईपीएफओ के लिए निवेश की सीमा को भी बढ़ाए जाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि पहले हमें इस 5 फीसदी के साथ अनुभव देखना चाहिए और उसके बाद वे इस सीमा को बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि ईपीएफओ के निवेश संबंधी इस फैसले के लिए सरकार की सराहना की जानी चाहिए. गौरतलब है कि ईपीएफओ के पास लगभग 6.5 लाख करोड़ रुपए का भारी निवेश है जिसमें उसकी वृद्धिपरक डिपॉजिट लगभग 1 लाख करोड़ रुपए की हैं. फिलहाल ईपीएफओ ने इस वृद्धि वाली डिपॉजिट का करीब 5,000 करोड़ रुपए बाजार में निवेश करने का फैसला किया है.
इनपुट: भाषा