चीन ने कैंसर की दवाओं सहित कुल 28 दवाओं पर लगने वाले इम्पोर्ट ड्यूटी (आयात कर) को हटा दिया है. इससे खासकर भारतीय दवा कंपनियों को फायदा होगा. यह 1 मई से ही लागू हो गया है.
चीन के भारत में राजदूत लुओ झाओहुई ने एक ट्वीट में बताया, 'चीन ने 28 दवाओं पर लगने वाले इम्पोर्ट ड्यूटी को खत्म कर दिया है. यह भारतीय दवा उद्योग और औषधि निर्यात के लिए अच्छी खबर है. मुझे भरोसा है कि इससे चीन और भारत के बीच निकट भविष्य में व्यापार असंतुलन कम होगा.'
यह खबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत बार-बार अपनी वस्तुओं और सेवाओं जैसे आईटी, दवाओं और कृषि उत्पादों को चीनी बाजार में पहुंच देने की मांग करता रहा है ताकि चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे को कम किया जा सके.China has exempted import tariffs for 28 drugs, including all cancer drugs, from May 1st. Good news for India’s pharmaceutical industry and medicine export to China. I believe this will help reduce trade imbalance between #China and #india in the future.
— Luo Zhaohui (@China_Amb_India) May 3, 2018
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, आर्थिक संबंधों, व्यापार, विज्ञान और टेक्नोलॉजी पर भारत-चीन संयुक्त समूह की बैठक में भी व्यापार असंतुलन पर गहराई से चर्चा की गई. चीन ने व्यापार के बीच बनी खाई को दूर करने में सहयोग का वचन दिया है.
अप्रैल से अक्टूबर 2017-18 के दौरान चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 36.73 अरब डॉलर तक पहुंच गया. यह साल 2016-17 में 51 अरब डॉलर का था.
लुओ ने कहा कि चीन अभी अपने कारोबारी माहौल में और सुधार करेगा, वहां कारोबार शुरू करने की इजाजत के लिए लगने वाले समय को आधा किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'बाहरी दुनिया के लिए चीन के दरवाजे अब ज्यादा खुल गए हैं. भारतीय कारोबारियों का स्वागत है.'
भारत भी चीन के निवेश का स्वागत कर रहा है. चीन ने भारत में एक इंडस्ट्री पार्क बनाने की इजाजत मांगी है ताकि निवेश बढ़ाया जा सके.