सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया को मार्च-अक्टूबर 2012 की अवधि में हर माह औसतन 404 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह द्वारा गुरुवार को कंपनी के संचालन का जायजा लेने पर इस घाटे की जानकारी मिली.
विमानन कंपनी के खाते की जांच करने पर पता चला कि कंपनी के खाते में हर माह 1,348 करोड़ रुपये आ रहे हैं, जबकि विमान ईंधन की ऊंची कीमत के कारण इससे 1,752 करोड़ रुपये बाहर जा रहे हैं.
मंत्री ने एक बयान में कहा, 'एयर इंडिया के संचालन में काफी सुधार हुआ है, फिर भी आय से खर्च की पूर्ति हो जानी चाहिए.'
मंत्री ने विमानन कंपनी को लागत कम करने के लिए बारीकी से संचालन पर ध्यान देने का सुझाव दिया.
बयान में कहा गया, 'कंपनी को विदेशों में टिकट की बुकिंग के लिए कर्मचारी तैनात करने की अनिवार्यता का मूल्यांकन करने का सुझाव दिया गया, क्योंकि ये काम आजकल इंटरनेट के जरिए हो रहे हैं.'
मंत्री ने कंपनी से कहा कि वह तेल कंपनियों से उसी छूट को हासिल करने के लिए बात करें, जो विदेशी कंपनियों या निजी घरेलू कंपनियों को दी जा रही हैं.
मंत्री ने कहा कि अगले महीने विमानन कंपनी को दी जा रही 2000 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता में से 500 करोड़ रुपये का उपयोग कर्मचारियों के बकाए का भुगतान करने के लिए किया जाना चाहिए.