प्राइवेट एयरलाइंस बेहद सस्ती टिकटें बेचने के नाम पर धोखा दे रही हैं, यह कहना है यात्रियों के एसोसिएशन एयर पैसेंजर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एपीएआई) का. संगठन ने इस बाबत उड्डयन की सबसे बड़ी संस्था डीजीसीए को एक पत्र लिखा है. यह खबर मुंबई के एक अखबार ने दी है.
एपीएआई ने आरोप लगाया है कि भारी डिस्काउंट स्कीम दरअसल धोखा है. इसमें कहा गया था कि एक तरफ का किराया 899 रुपए होगा. लेकिन वास्तव में इस तरह की कोई स्कीम नहीं है. उसने बताया कि तीन बड़ी प्राइवेट एयरलाइंस के डिस्काउंट स्कीम को उसने परखा. इस स्कीम के तहत 1 नवंबर से 15 दिसंबर तक की अवधि के लिए विशेष किरायों की घोषणा हुई थी. इनके तहत 899 रुपए और 1799 रुपए में टिकटों की घोषणा की गई थी.
एपीएआई ने बताया कि उसने अपने स्टाफ के तीन लोगों की ड्यूटी इसी काम के लिए लगाई थी लेकिन उन्हें सोल्ड आउट की सूचना तुरंत मिलने लगी. संगठन के अध्यक्ष डी सुधाकर रेड्डी ने बताया कि इस मामले पर एयरलाइंस से उन्होंने जानना चाहा है कि वह बताएं कि उन्होंने कितनी सीटें डिस्काउंट पर बेची हैं.
रेड्डी ने डीजीसीए के प्रमुख प्रभात कुमार को लिखे पत्र में कहा है कि अत्यंत कम किराए वाली टिकटें बेचने की प्रथा खत्म की जाए क्योंकि इनके तहत टिकटें बेची ही नहीं जातीं. रेड्डी ने कहा कि यात्रियों को एयरलाइंस की वेबसाइट पर जाना भी मुश्किल होता है लेकिन अगर वे चले भी गए तो वहां टिकटें बिक जाने की सूचना दिखने लगती है.