टेलीकॉम सेक्टर के संकट पर भारती एयरटेल के प्रमुख सुनील मित्तल का बड़ा बयान आया है. सुनील मित्तल ने कहा है कि बीते साढ़े तीन साल से टेलीकॉम सेक्टर संकट में है. यह इंडस्ट्री सरकार के डिजिटल एजेंडा और देश के लिए व्यापक महत्व रखता है. ऐसे में सरकार को यह देखने की जरूरत है कि इस क्षेत्र को किस प्रकार मजबूत बनाया जा सकता है. सुनील मित्तल ने ये बात दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय में शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात के बाद कही.
बता दें कि बुधवार को सुनील मित्तल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात की. हालांकि, इस मुलाकात में किन मुद्दों पर बात हुई, ये साफ नहीं हो पाया है.
Shri Sunil Bharti Mittal, Founder and Chairman of Bharti Enterprises, calls on Smt @nsitharaman pic.twitter.com/lj5bPrEJYg
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) February 19, 2020
बहरहाल, एयरटेल के प्रमुख सुनील मित्तल का ये बयान ऐसे समय में आया है जब एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) भुगतान को लेकर टेलीकॉम कंपनियां संघर्ष कर रही हैं. दरअसल, कई साल पुराने विवाद में सरकार टेलीकॉम कंपनियों से AGR बकाया मांग रही है.
10,000 करोड़ दे चुकी एयरटेल
संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलीकॉम कंपनियों से लिए जाने वाले यूजेज और लाइसेंसिग फीस को एजीआर कहते हैं. इसके दो हिस्से होते हैं- स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज और लाइसेंसिंग फीस, जो क्रमश: 3-5 फीसदी और 8 फीसदी होता है.
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टेलीकॉम कंपनियों पर 1.47 लाख करोड़ से अधिक का बकाया था. इसमें भारती एयरटेल पर 35 हजार करोड़ का बकाया शामिल है. हालांकि, एयरटेल ने 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. एजीआर भुगतान को लेकर सुनील मित्तल ने कहा कि कंपनी कुल देनदारी की गणना कर रही है.
किस पर कितना बकाया?
एयरटेल के अलावा वोडाफोन आइडिया पर 53,000 करोड़ रुपये का बकाया था. इसमें से वोडाफोन-आइडिया ने सोमवार को 2500 करोड़ रुपये का बकाया जमा किया है. वहीं टाटा टेलिसविर्सिज पर 13,800 करोड़ रुपये और बीएसएनएल पर 4,989 करोड़ रुपये के अलावा एमटीएनएल पर 3,122 करोड़ रुपये का बकाया है.
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक कंपनियों के लिए एजीआर बकाये का भुगतान करने की अंतिम तिथि 23 जनवरी 2020 थी. हालांकि, इस डेडलाइन पर सिर्फ रिलायंस जियो ने बकाये का भुगतान किया. वहीं अन्य टेलीकॉम कंपनियों ने एक बार फिर कोर्ट से समय मांगा, जिसे खारिज कर दिया गया.