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अब दवाएं भी ऑनलाइन बेच रहा Amazon, जानें- क्यों हो रहा है विरोध

कंपनी ने पिछले हफ्ते से ही बेंगलुरु में ओवर-द-काउंटर और प्रिस्क्रिप्शन आधारित दवाओं के लिए ऑनलाइन ऑर्डर लेना शुरू कर दिया है. खुदरा दवा व्यापारियों के संगठन ने इसके खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को लेटर लिखा है.

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Amazon ने बेंगलुरु से शुरू किया है ऑनलाइन फार्मेसी कारोबार
Amazon ने बेंगलुरु से शुरू किया है ऑनलाइन फार्मेसी कारोबार

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  • Amazon ने बेंगलुरु में शुरू किया फार्मेसी कारोबार
  • दवा दुकानदारों के संगठन ने इसे गैर कानूनी बताया
  • संगठन ने इसके खिलाफ PMO में शिकायत की है

Amazon ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से ऑनलाइन फार्मेसी कारोबार की शुरुआत कर दी है. एमेजॉन के इस कारोबार का विरोध होने लगा है. खुदरा दवा व्यापारियों के संगठन ने इसके खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को लेटर लिखा है.

कंपनी ने पिछले हफ्ते से ही बेंगलुरु में ओवर-द-काउंटर और प्रिस्क्रिप्शन आधारित दवाओं के लिए ऑर्डर लेना शुरू कर दिया है. अमेजन फार्मेसी इसके अलावा पारंपरिक हर्बल दवाओं और कुछ स्वास्थ्य उपकरण जैसे कि ग्लूकोज मीटर, नेबुलाइजर और हैंडहेल्ड मसाजर्स भी बेच रही है. असल में कोरोना संकट के बाद लोग बाहर निकलने की जगह घर बैठे ऑनलाइन ऑर्डर से हर सामान मंगाने को प्राथमिकता दे रहे हैं.

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क्या कहा एमेजॉन ने

Amazon के प्रवक्ता ने इस सेवा के बारे में बताया, 'ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हम बेंगलुरु में एमेजॉन फार्मेसी लॉन्च कर रहे हैं ताकि वे प्रिस्क्रिप्शन आधारित और ओवर-द-काउंटर दवाएं ले सकें. ग्राहकों को बेसिक हेल्थ डिवाइस और आयुर्वेद दवाओं की आपूर्ति भी की जाएगी.'

20 फीसदी की छूट

कंपनी ने हाल के वर्षों में कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों को काम पर रखा है. इसने साल 2018 में लगभग 1 अरब डॉलर में ऑनलाइन फार्मेसी स्टार्टअप पिलपैक का अधिग्रहण किया था. Amazon का कहना है कि यह सभी ऑर्डर पर 20% तक की छूट भी दे रही है.

क्यों हो रहा विरोध

मेडिकल स्टोर्स के संगठन ने एमेजॉन के इस कदम को अवैध बताते हुए इसके खिलाफ पीएमओ को लेटर लिखा है. इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार आल इंडिया आर्गेनाईजेशन ऑफ केमिस्ट्स ऐंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) ने इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को लेटर लिखकर विरोध जताया है.

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संगठन का कहना है कि एमेजॉन की फार्मेसी कारोबार में उतरना गैर कानूनी है और उसे इसका कानूनी नतीजा भुगतना पड़ सकता है. संगठन का दावा है कि ऑनलाइन दवा बेचना 'कोर्ट की अवमानना' है.

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संगठन ने कहा, 'ई-फार्मेसी गैर कानूनी है और इसे ड्रग्स ऐंड कॉस्मेटिक्स एक्ट में मान्यता नहीं दी गई है. नियम के मुताबिक कई दवाएं ऐसी हैं जिन्हें बिना प्रिस्क्रिप्शन के बेचा ही नहीं जा सकता. सरकार ने कोरोना संकट की वजह से सिर्फ आसपास की दवा दुकानों को ही होम डिलिवरी की इजाजत दी थी.'

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