4G लांच करने के लिए अंबानी बंधु साथ आ गए हैं. रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने रिलायंस कम्यूनिकेशंस के साथ मोबाइल टावर के उपयोग के संबंध में करीब 12,000 करोड़ रुपये का समझौता किया है.
रिलायंस जियो के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने कहा कि वह भारत में डिजिटल सेवा की संभावनाओं के प्रति आशावादी हैं और अगले साल दूरसंचार कंपनी में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर 10 हजार से अधिक करेंगे. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि सेवा कब शुरू की जाएगी.
उन्होंने कहा कि रिलायंस ने दूरसंचार उद्यम में अब तक करीब 18 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसमें अधिकांश स्पेक्ट्रम की खरीद पर खर्च हुआ है. अंबानी ने कहा कि दूरसंचार सेवा शुरू करने और इससे जुड़े उत्पादों के बारे में सूचना अगली सालाना आम बैठक में दी जाएगी.
अंबानी ने कंपनी की 39वीं सालाना आम बैठक में कहा ‘हमने अपने भागीदारों के साथ अगले 12 महीने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है और रिलायंस जियो के लोग इस अवधि में देशभर में अपनी सेवा शुरू करने की योजना में तीव्र प्रगति की उम्मीद कर रहे हैं.' उन्होंने साल भर पहले पिछली सालाना आम बैठक में अगले चार-पांच साल में एक लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी, जिसे अब बढ़ाकर 1.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है और समयसीमा घटाकर तीन साल कर दी गई है.
पेट्रोकेमिकल को पिछले 35 साल से रिलायंस की वृद्धि की रणनीति की बुनियाद करार देते हुए उन्होंने कहा कि पेट्रोकेमिकल क्षमता प्रतिवर्ष 1.5 करोड़ टन से बढ़कर 2.5 करोड़ टन हो जाएगी, जबकि पालिएस्टर क्षमता 15 लाख टन बढ़कर 40 लाख टन वार्षिक हो जाएगी.
केजी-डी6 गैस क्षेत्र का उत्पादन में गिरावट के बारे में अंबानी ने कहा कि भू-गर्भीय तौर पर पूर्वी तट चुनौतीपूर्ण है, लेकिन मौजूदा उत्पादन क्षेत्र के दो किलोमीटर नीचे मिला गैस भंडार से नई उम्मीद बंधी है. गौरतलब है कि उस क्षेत्र में गैस उत्पादन अब तक के न्यूनतम स्तर दैनिक 1.5 करोड़ घन मीटर पर आ गया है. उन्होंने कहा नई खोज से कंपनी का संसाधन भंडार बढ़ा है.
उन्होंने यह भी कहा कि यदि नियामकीय माहौल अच्छा रहा और समय पर मंजूरी मिली तो कंपनी की 2015 तक मध्य प्रदेश के शोगापुर ब्लाक में कोल बेड मीथेन (सीबीएम) का उत्पादन शुरू हो जाएगा.
रिलायंस फ्यूचर समूह के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी खुदरा कंपनी है और उसने अगले तीन चार साल में 40 हजार से 50 हजार करोड़ रुपये की बिक्री का लक्ष्य रखा है.
कंपनी ने 2012-13 में खुदरा कारोबार में 10 हजार करोड़ रुपये आय हुई और कंपनी घाटे के दौर से उबर चुकी है. रिलायंस अपने खुदरा कारोबार के तहत 130 शहरों में करीब 1,500 दुकानों का परिचालन करती है.