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अमेरिका में घटीं ब्याज दरें, धड़ाम हुए भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्‍स 37 हजार के नीचे

सप्‍ताह के चौथे कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत बड़ी गिरावट के साथ हुई.

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सेंसेक्‍स-निफ्टी लाल निशान पर खुले
सेंसेक्‍स-निफ्टी लाल निशान पर खुले

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अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने साल 2008 की मंदी के बाद पहली बार ब्याज दरें घटाई हैं. अमेरिकी फेड के फैसले का असर भारतीय शेयर बाजार में देखने को मिला. गुरुवार को कारोबार के अंत में सेंसेक्स 463 अंक गिरकर 37,018 और निफ्टी 105 अंक गिरकर 10,080 के स्तर पर बंद हुआ.

इससे पहले कारोबार के में सेंसेक्‍स 700 अंकों से ज्‍यादा लुढ़क गया. करीब 6 महीने बाद सेंसेक्‍स 37 हजार के नीचे आ गया. वहीं निफ्टी 11 हजार के आंकड़े के नीचे पहुंचा. निफ्टी ने करीब 7 महीने बाद 11 हजार के जादुई आंकड़े को गंवा दिया है. इससे पहले फरवरी महीने में निफ्टी 11 हजार के आंकड़े से नीचे आ गया था.

इससे पहले दोपहर 12 बजे के बाद सेंसेक्‍स में भी 500 अंकों से ज्‍यादा की गिरावट दर्ज की गई. इस गिरावट के बाद सेंसेक्‍स 37 हजार के नीचे आ गया. सेंसेक्‍स करीब 6 महीने बाद 37 हजार के आंकड़े को गंवा दिया है. इससे पहले मार्च में सेंसेक्‍स में इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली. 

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दोपहर 12 बजे के बाद सेंसेक्‍स का हाल

- इसके बाद दोपहर 2.55 में सेंसेक्‍स 700 अंक टूटकर 36 हजार 800 के आंकड़े के नीचे आ गया. वहीं निफ्टी की बात करें तो 200 अंक से ज्‍यादा लुढ़क गया. निफ्टी 10 हजार 910 अंक पर कारोबार करता दिखा.

- बता दें कि सेंसेक्‍स 93.94 अंकों की गिरावट के साथ 37,387.18 पर, जबकि निफ्टी 25.2 अंकों की कमजोरी के साथ 11,060.20 के स्‍तर पर खुला.

कारोबार के शुरुआती 1 घंटे में वेदांता के शेयर 4 फीसदी तक टूट गए. इसके अलावा टेक महिंद्रा, एचडीएफसी, यस बैंक, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक, इन्‍फोसिस और एक्‍सिस बैंक के शेयर में 1 फीसदी से अधिक की गिरावट आई. वहीं पावर ग्रिड, इंडसइंड बैंक, टीसीएस, एचयूएल और एचसीएल के शेयर हरे निशान पर कारोबार करते देखे गए.

क्‍या है गिरावट की वजह

दरअसल, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बेंचमार्क दरों में करीब चौथाई फीसदी की कटौती कर दी है. पिछले एक दशक में यह अब तक की सबसे बड़ी कटौती है. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप बैंक के इस फैसले से खुश नहीं हैं. ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि फेडरल रिजर्व बस ब्याज में कटौती कर रहा है और अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए राहत पैकेज जैसी उम्मीद न की जाए. बता दें कि दुनिया भर के बाजारों की निगाहें फेडरल रिजर्व बैंक के इस फैसले पर टिकी थी.

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इस बीच, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों तथा विदेशी निवेशकों की जारी बिकवाली से बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 41 पैसे गिरकर 69.20 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया. बुधवार को यह 68.79 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. कारोबारियों के मुताबिक अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के मजबूत होने तथा घरेलू शेयर बाजारों के सतर्कता में खुलने से भी रुपये पर दबाव रहा.

कॉफी डे में गिरावट का सिलसिला बरकरार

कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के फाउंडर वी.जी. सिद्धार्थ के लापता होने और निधन की खबर के बाद उनकी लिस्‍टेड कंपनी के शेयर लगातार लुढ़क रहे हैं. गुरुवार को कॉफी डे इंटरप्राइजेज के शेयर में 10 फीसदी तक की गिरावट आई. बीएसई पर कंपनी का शेयर भाव 110.95 रुपये पर पहुंच गया. इससे पहले बुधवार और मंगलवार को भी कंपनी के शेयर में क्रमश: 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. यहां बता दें कि एक कारोबारी दिवस में किसी कंपनी का शेयर अधिकतम 20 फीसदी ही गिर सकता है.

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