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अमिताभ बच्चन बनेंगे खादी के ब्रांड एंबेसडर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गत वर्ष की अपील के बाद खादी की बिक्री में वृद्धि दर्ज की गई है और बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन भी अब इसके ब्रांड एंबेसडर बनने जा रहे हैं. खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण कुमार झा ने आईएएनएस से यहां कहा कि बच्चन ने बिना शुल्क खादी का ब्रांड एंबेसडर बनना स्वीकार कर लिया है.

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File Image: अमिताभ बच्चन
File Image: अमिताभ बच्चन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गत वर्ष की अपील के बाद खादी की बिक्री में वृद्धि दर्ज की गई है और बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन भी अब इसके ब्रांड एंबेसडर बनने जा रहे हैं. खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण कुमार झा ने आईएएनएस से यहां कहा कि बच्चन ने बिना शुल्क खादी का ब्रांड एंबेसडर बनना स्वीकार कर लिया है.

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अरुण कुमार झा ने कहा, "उन्होंने गत महीने स्वीकृति दी है. यह हमारे लिए बड़ी बात है."

मोदी की अपील के बाद बढ़ा खादी का क्रेज
उन्होंने कहा कि गत वर्ष अक्टूबर में प्रधानमंत्री द्वारा अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में खादी का अधिकाधिक उपयोग करने की अपील करने के बाद इसका उपयोग बढ़ा है. उन्होंने कहा, "(प्रधानमंत्री की अपील के बाद) दिल्ली के मुख्य आउटलेट में खादी उत्पादों की बिक्री 60 फीसदी बढ़ी है."

अब जल्द मिलेगी खादी की बनी पतलून
केवीआईसी ने युवाओं के बीच खादी को लोकप्रिय बनाने के लिए खादी के जिंस और टी-शर्ट पेश किए हैं. झा ने बताया कि अब वे पतलून की एक पूरी श्रंखला पेश करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा, "हम पुरुषों के लिए अंत:वस्त्र और महिलाओं तथा बच्चों के लिए रेडीमेड परिधान भी पेश करना चाहते हैं."

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इस साल 400 करोड़ से सेल्स बढाने का लक्ष्य
खादी का मतलब हाथ से तैयार कपड़ा होता है। इसमें कपास, ऊन और रेशम जैसे प्राकृतिक धागों का ही इस्तेमाल किया जाता है. झा ने बताया कि 2014-15 में खादी उत्पादों की 1,140 करोड़ रुपये की कुल बिक्री हुई थी, जिसे बढ़ाकर 2015-16 में 1,600 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य है.

गावों में आर्थिक गतिविधियां तेज करने की कोशिश
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज सिर्फ खादी के कपड़े से ही तैयार किया जाता है. उन्होंने गांव की अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए भी खादी का उपयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा, "कृषि विकास दर 4-5 फीसदी ही रह सकती है. गांव की अर्थव्यवस्था में और तेजी लाने के लिए लघु उद्योग और खादी का उपयोग किया जा सकता है."

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