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'मेक इन इंडिया' के तहत रिलायंस ग्रुप का रक्षा क्षेत्र में प्रवेश

भारत में कारोबार जगत में शीर्षस्थ रिलायंस ग्रुप ने अब अपना कदम रक्षा क्षेत्र में भी रख दिया है. इसमें ग्रुप प्रमुख रुप से एयरोस्पेस और रक्षा सम्बन्धी उपकरणों के मैन्यूफैक्चरिंग में काम करेगी, जिससे इन क्षेत्रों के बाजार में जबरदस्त उछाल की सम्भावना का अनुमान लगाया जा रहा है.

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भारत में कारोबार जगत में शीर्षस्थ रिलायंस ग्रुप ने अब अपना कदम रक्षा क्षेत्र में भी रख दिया है. इसमें ग्रुप प्रमुख रूप से एयरोस्पेस और रक्षा सम्बन्धी उपकरणों के मैन्यूफैक्चरिंग में काम करेगी, जिससे इन क्षेत्रों के बाजार में जबरदस्त उछाल की सम्भावना का अनुमान लगाया जा रहा है.

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ग्रुप ने बताया कि इस बाबत रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत 3 सब्सिडियरी का गठन किया गया है. समुह के मुखिया अनिल अंबानी के अनुसार सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल देश में रक्षा क्षेत्र में प्रतिभागिता के लिए एक अच्छा माहौल बनायेगी. और हमारा ग्रुप इस क्षेत्र में अपना श्रेष्ठ योगदान के लिए तैयार है.

हालांकि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने खुद की 3 सब्सिडियरी इस क्षेत्र में पहले से मौजूद है. और वे तीन रिलायंस डिफेंस सिस्टम, रिलायंस डिफेंस टेकनोलॉजीज और रिलायंस डिफेंस एंड एयरोस्पेस हैं. आरडीए, सशस्त्र बल के लिए यूटिलिटी हेलीकॉप्टर कार्यक्रमों में भागीदारी करेगी.

इसके अलावा नौसेना में भी प्लेटफार्म, एयर मोबिलिटी, एवियोनिक्स और नेटवर्क सेंट्रिक वॉरफेयर समेत अन्य अवसर भी ग्रुप खोजेगी. और इसका क्षेत्र में ग्रुप का नेतृत्व पूर्व एमडी राजेश धींगरा करेंगे. रिलायंस ग्रुप का क्षेत्र में पहले से मौजूद लार्सन एंड टूब्रो और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी दिग्गज कम्पनियों के साथ मुख्य रुप से प्रतिस्पर्धा होगी.

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