पंजाब नेशनल बैंक घोटाले (PNB SCAM) में आरोपी मेहुल चोकसी को जल्द ही भारत वापस लाया जाएगा. वह अभी तक एंटिगुआ में रह रहा था, लेकिन वहां के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने बयान दिया है कि वह जल्द ही मेहुल चोकसी की नागरिकता रद्द करने वाले हैं. उनके मुताबिक, भारत की ओर से लगातार इसको लेकर दबाव बनाया जा रहा था.
इसी के साथ ही मेहुल चोकसी को भारत लाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा. PNB घोटाले के तहत नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर 13 हजार करोड़ रुपये के गबन का आरोप था. ये मामला 2018 में सामने आया था, तभी से ही विपक्ष इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरे हुए है.
मेहुल चोकसी के मामले में भारत अभी इंतजार करेगा. सरकारी सूत्रों की मानें तो भारत अभी इस इंतजार में है कि पहले एंटिगुआ की सारी कानूनी प्रक्रिया खत्म हो जाए. उसके बाद ही अपने स्तर पर प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. भारत को अभी तक नागरिकता रद्द होने पर कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है.
Govt sources on reports on Mehul Choksi: India waits for Antigua's internal process of revoking citizenship.Only after that extradition process can start separately. India continues to engage with Antigua.MEA yet to hear officially from Antiguan govt about revoking of citizenship pic.twitter.com/WqZVNx5zRW
— ANI (@ANI) June 25, 2019
एंटिगुआ के प्रधानमंत्री के मुताबिक, मेहुल चोकसी को पहले यहां की नागरिकता मिली हुई थी. लेकिन अब इसे रद्द किया जा रहा है और भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है. हम किसी भी ऐसे व्यक्ति को अपने देश में नहीं रखा जाएगा, जिसपर किसी भी तरह के आरोप लगे हों.
प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन के अनुसार, अब एंटिगुआ में मेहुल चोकसी पर किसी तरह का कानूनी रास्ता नहीं बचा है, जिससे वह बच निकले इसलिए उसकी भारत वापसी लगभग तय है.
उन्होंने कहा कि अभी मेहुल चोकसी से जुड़ा पूरा मामला कोर्ट में है, इसलिए हमें पूरी प्रक्रिया का पालन करना होगा. एंटिगुआ के प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने इसको लेकर भारत सरकार को पूरी जानकारी दे दी है. हालांकि, मेहुल चोकसी को सभी कानूनी प्रक्रिया पूरा करने का समय दिया जाएगा. जब उसके पास कोई भी कानून ऑप्शन नहीं बचेगा, तो उसे भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा.
चुनाव के दौरान मुद्दा बना था PNB घोटाला
बता दें कि मेहुल चोकसी और नीरव मोदी के मसले पर मोदी सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर रही थी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के दौरान लगातार ये मुद्दा उठाया था. लेकिन अब अगर मेहुल चोकसी की वापसी होती है तो ये मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली बड़ी कामयाबी मानी जा सकती है.
कई बार भेजा जा चुका था समन
मेहुल चोकसी को कई बार सरकार, एजेंसियों और अदालत की तरफ से समन भेजा गया था, लेकिन उसने हर बार आने से मना किया. मेहुल चोकसी का तर्क था कि अगर वह हिंदुस्तान आएगा तो उसकी लिंचिंग कर दी जाएगी. हालांकि, अब जब एंटिगुआ ने ही उसकी नागरिकता रद्द करने का फैसला कर लिया है तो उसे भारत वापस आना ही होगा.