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नोटबंदी ने दिया iPhone को झटका, उबरने के लिए कंपनी का ये प्लान

दुनिया के सबसे बड़े समार्टफोन मार्केट पर पकड़ बनाने के लिए जहां अक्टूबर महीना अमेरिकी कंपनी एप्पल के लिए बड़ी सेल लेकर आया. वहीं 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी फैसले से नवंबर-दिसंबर के दौरान आईफोन की सेल में बड़ी गिरावट दर्ज हुई है.

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नोटबंदी की चपेट में आई आईफोन की सेल
नोटबंदी की चपेट में आई आईफोन की सेल

दुनिया के सबसे बड़े समार्टफोन मार्केट पर पकड़ बनाने के लिए जहां अक्टूबर महीना अमेरिकी कंपनी एप्पल के लिए बड़ी सेल लेकर आया. वहीं 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी फैसले से नवंबर-दिसंबर के दौरान आईफोन की सेल में बड़ी गिरावट दर्ज हुई है.

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अक्टूबर में भारत की सेल्स आंकड़ों से प्रभावित एप्पल ने वित्त वर्ष 2016-17 (अक्टूबर 2016 से सितंबर 2017) के लिए 3 बिलियन डॉलर का लक्ष्य रखा था. लेकिन नोटबंदी के बाद एप्पल ने इस अनुमान को घटाकर 2 बिलियन डॉलर कर दिया है.

कंपनी के मुताबिक एप्पल आईफोन की भारत में 80 फीसदी आईफोन की बिक्री ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और रिटेल स्टोर के जरिए होती है जहां उसे कैश पेमेंट मिलता है. लेकिन नोटबंदी के बाद बिक्री के आंकड़े बुरी तरह प्रभावित हुए हैं जिससे कंपनी को अपने वार्षिक टार्गेट को कम करना पड़ा.

कंपनी के मुताबिक एप्पल सीईओ टिम कुक ने मई 2016 में भारत दौरे पर दावा किया था कि वह नए वित्त वर्ष में 30 लाख आईफोन भारत में बेचेंगे. अब नोटबंदी से कैश सेल को मिले झटके के बाद कंपनी को इस टार्गेट को पूरा कर पाने की कोई उम्मीद नहीं है.

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बाजार के जानकारों का कहना है कि नोटबंदी के दौरान अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में एप्पल ने 8-9 लाख आईफोन भारत भेजे थे. लेकिन नोटबंदी से स्मार्टफोन की सेल का बड़ा झटका मिला (30 से 35 फीसदी गिरावट) और एप्पल की ग्रोथ 50 फीसदी गिर गई.

आईफोन की सेल पर नोटबंदी का असर पड़ने के बाद देशभर में एप्पल रीटेलर्स ने बंडलिंग, कैशबैक और बॉयबैक जैसे कई ऑफर्स से सेल बढ़ाने की कोशिश की. लेकिन सिर्फ कैश के भरोसे बिक रहे इस टॉप एंड स्मार्टफोन की सेल में इजाफा नहीं हुआ उल्टे रीटेलर्स की फोन बेचने की कॉस्ट में इजाफा होने लगा जिससे उनका प्रॉफिट गिरने लगा.

लिहाजा, नोटबंदी की दिक्कतों से लड़ने के लिए एप्पल की अब कोशिश है कि वह जल्द से जल्द भारत में निर्मित आईफोन को अपने रीटेल स्टोर से बेचना शुरू करे. एप्पल को उम्मीद है कि अब वह भारत में अपना रेवेन्यू सिर्फ यहां आईफोन की मैन्यूफैक्चरिंग करके ही बढ़ा सकता है.

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