वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक बार फिर डिजिटल करेंसी के बढ़ावे पर जोर देते हुए कहा कि कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनना हर देश के हित में है और यह बात बहुत बार लिखी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि डिजिटल करेंसी का मतलब कैश को समाप्त करना नहीं होता है, इसका मतलब कम कैश होता है. उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ महीने में डिजिटल अर्थव्यवस्था तेज हुई है. 75 करोड़ में से 45 करोड़ डेबिट-क्रेडिट कार्ड का सक्रिय इस्तेमाल हो रहा है.
वित्त मंत्री ने कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था पर जोर देते हुए कहा कि इससे सरकार की आय बढ़ेगी और इससे सरकार को ग्रामीण क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने और रक्षा मद पर अधिक आवंटन करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि डि़जिटल करेंसी आम हिंदुस्तानी को तो समझ आता है, लेकिन कुछ लोगों को बाद में समझ आता है.
दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर कर लगाने की मंशा नहीं: जेटली
जेटली ने साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि शेयरों की खरीद-फरोख्त में दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर कर आरोपित करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंबई के एक कार्यक्रम के भाषण के संदर्भ में जेटली ने कहा कि मोदी के भाषण की मीडिया में जो व्याख्या की गई, वह सही नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया, मीडिया के एक हलके ने उस भाषण की गलत व्याख्या की है और उसने यह अर्थ निकालना शुरू किया कि इसमें परोक्ष रूप से प्रतिभूतियों के कारोबार में दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर कर आरोपित किए जा सकने का संकेत है. यह व्याख्या बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से ऐसा कोई बयान नहीं दिया, इसलिए मैं यह बिलकुल स्पष्ट करना चाहता हूं कि किसी के लिए इस निष्कर्ष पर पहुंचने का कोई आधार नहीं है क्योंकि प्रधानमंत्री ने ऐसा कुछ नहीं कहा है और ना ही सरकार की ऐसी कोई मंशा है जैसा कि मीडिया में कहा गया है.