वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को जानकारी देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 10,02,607 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष से 18 फीसदी अधिक है.
जेटली ने कहा कि नोटबंदी और वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) से अर्थव्यवस्था को उच्चस्तर का नियमनिष्ठ (फॉरमलाइजेशन) बनाया है, जिससे प्रत्यक्ष कर राजस्व बढ़ा है और आयकर रिटर्न फाइलिंग में भी तेज बढ़ोतरी हुई है.
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जेटली ने ट्वीट कर कहा, "नोटबंदी और जीएसटी के असर से अर्थव्यवस्था उच्चस्तर की नियमनिष्ठ हुई है. वित्त वर्ष 2016-17 के मुकाबले वित्त वर्ष 2017-18 में एक करोड़ से ज्यादा करदाताओं ने आयकर रिटर्न दाखिल किया है."
The impact of demonetisation and GST implementation has resulted into higher formalisation of economy. This is further substantiated by filing of more than 1 crore IT returns by tax payers during FY 2017-18 (6.84 Cr ITRs) in comparison to FY 2016-17 (5.43 Cr ITRs).
— Arun Jaitley (@arunjaitley) April 3, 2018
वित्त मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में कुल 6.84 करोड़ रिटर्न दाखिल हुए, जबकि पिछले वर्ष में रिटर्न दाखिल करनेवालों की संख्या 5.43 करोड़ थी. उन्होंने कहा, "आंकड़ों में कर विभाग की दक्षता और ईमानदार करदाताओं की संख्या में वृद्धि का पता चलता है. यह ऐतिहासिक राजस्व प्राप्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत जवाबदेह शासन की पुष्टि करती है."
Direct tax collections for FY 17-18 has been ₹10,02,607 Cr (18% higher than previous year). The data reveals the efficiency of tax Dept.& rise in no. of honest tax payers. This historical revenue receipt is a factual testimony of accountable governance under PM @narendramodi ji.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) April 3, 2018
जेटली के अनुसार, कुल 6.84 करोड़ आईटीआर में 6.74 करोड़ आईटीआर ऑनलाइन दायर किए गए. वित्त वर्ष के अंतिम दिन 30 से 31 मार्च के दौरान 56 लाख आईटीआर दायर किए गए.