वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने सहयोगी राज्य मंत्री जयंत सिन्हा के साथ इस महीने के आखिर में पेश होने वाले बजट की अंतिम तैयारी में लगे हुए हैं. लोगों को मोदी सरकार के इस बजट से काफी उम्मीदें हैं और हर वर्ग के लोग उस ओर ध्यान लगाए हुए हैं. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर इस बजट में 5 क्या खास बातें हो सकती हैं.
1. इस बात की पूरी संभावना है कि इस बजट में जेटली डायरेक्ट टैक्सों के सुधार पर ध्यान देंगे. एशिया के देशों में भारत ऐसा देश है जो सबसे ज्यादा टैक्स वसूलता है. जेटली इस ओर ध्यान दे रहे हैं और एक विवेकपूर्ण टैक्स व्यवस्था करने जा रहे हैं. इसका फायदा सभी को होगा क्योंकि इनकम टैक्स की दरों में कमी आएगी. उम्मीद की जा सकती है कि जेटली टैक्स में 50,000 रुपये से लेकर एक लाख रुपये की कमी करेंगे. लेकिन इसके साथ ही कुछ छूटें मिलनी बंद भी हो सकती हैं. इनकम टैक्स में छूट देने के पीछे कारण यह है कि सरकार चाहती है कि लोगों की आय बढ़े ताकि वे ज्यादा खर्च कर सकें जिससे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिले.
2. पीएम मोदी का सपना है कि देश में राजमार्गों का जाल बिछाया जाए. इसके लिए जेटली इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी परियोजनाओं के लिए भारी राशि का ऐलान करेंगे. इसका फायदा जनता को भी होगा क्योंकि सरकार इन परियोजनाओं के लिए धन जुटाने के लिए बड़े पैमाने पर टैक्स फ्री बांडों की घोषणा करेगी. इन बांडों में पैसा लगाकर आप टैक्स में छूट तो पाएंगे ही, अच्छा ब्याज भी कमा सकेंगे. इनसे सरकार को भी काफी धन मिलेगा.
3. भारत सरकार और रेलवे के पास बहुत ऐसी ज़मीनें है जो खाली पड़ी हैं. सरकार इन्हें लीज पर दे सकती है और कुछ नीलामी के जरिए बेच भी सकती है. इससे सरकार को धन तो मिलेगा ही, जनता टैक्स की मार से बच जाएगी.
4. तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ सकता है खासकर बीड़ी पर. इसके अलावा प्रसाधन में काम में आने वाले मंहगे उत्पादों पर टैक्स बढ़ सकता है. शराब पर कुछ और टैक्स लग सकता है.
5. सरकार बैंकों के शेयर बेचने की भी घोषणा कर सकती है. सरकारी बैंकों में सरकार अपना हिस्सा घटाकर 52 फीसदी तक लाने के बारे में घोषणा कर सकती है. इससे राजस्व घाटे पर लगाम तो कसेगा ही, बैंक भी मजबूत होंगे.
6. अरुण जेटली ने नवंबर महीने में कहा था कि वह अमीरों को सब्सिडी देने के खिलाफ हैं. इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि रसोई गैस में जो सब्सिडी मिलती है वह अमीरों को नहीं मिल पाएगी. संभवतः सरकार इसके लिए कुल आय का सहारा लेगी. यानी लोगों की आय के मुताबिक ही उन्हें गैस में सब्सिडी मिल पाएगी. इससे सरकार को काफी बचत होगी.